प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को इस बात पर बल दिया कि ‘भविष्य के मकसद से तैयार’ रहने के लिए ब्रिक्स समूह के पांच देशों के समाजों को ‘भविष्य हेतु तैयार’ होना पड़ेगा। उन्होंने आम सहमति के आधार पर समूह के विस्तार के लिए भारत का समर्थन भी जताया।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग सहित ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) के नेताओं के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी उम्मीद जताई कि अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने के भारत के प्रस्ताव का ब्रिक्स सदस्य देश समर्थन करेंगे।
उन्होंने जोहानिसबर्ग में बैठक में कहा, ‘‘ब्रिक्स को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए हमें अपने समाजों को भविष्य के लिए तैयार करना होगा।’’
ब्रिक्स की दक्षिण अफ्रीकी अध्यक्षता के तहत ग्लोबल साउथ के देशों को विशेष महत्व देने के कदम का स्वागत करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने अपनी जी-20 अध्यक्षता के तहत भी ग्लोबल साउथ के देशों को ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ दी है।
ग्लोबल साउथ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है। ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं।
मोदी ने कहा कि भारत ब्रिक्स के विस्तार का पूरा समर्थन करता है और आम सहमति के आधार पर प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के कदम का स्वागत करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स ने पिछले दो दशकों में एक लंबी और अद्भुत यात्रा शुरू की है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि समूह का ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ ग्लोबल साउथ में विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने में किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
मोदी ने कहा कि भारत ने रेलवे अनुसंधान नेटवर्क और एमएसएमई तथा स्टार्ट-अप के बीच सहयोग के क्षेत्रों में उपाय सुझाए हैं और इन क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।