शिवसेना (उबाठा) ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस को ‘इंडिया’ गठबंधन की स्थिति के बारे में बात करनी चाहिए और अहमदाबाद में पार्टी के हालिया अधिवेशन में विपक्षी गठबंधन के बारे में सवालों का जवाब देना चाहिए था।
शिवसेना (उबाठा) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय लेख में कहा कि कांग्रेस ने अहमदाबाद के पार्टी अधिवेशन में केवल अपने बारे में बात की और ‘इंडिया’ या भारत कहीं भी चर्चा में नहीं था।
पार्टी ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) की स्थिति क्या है, इस पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस को अपने अहमदाबाद अधिवेशन में इस पर विचार करना चाहिए था।’’
शिवसेना (उबाठा) ने सवाल करते हुए कहा, ‘‘गठबंधन का क्या हुआ? क्या यह जमीन में दब गया या हवा में गायब हो गया? इस सवाल का जवाब देने की जिम्मेदारी कांग्रेस अध्यक्ष की है।’’
कांग्रेस ने 8-9 अप्रैल को गुजरात में अपना अधिवेशन आयोजित किया। राज्य में कांग्रेस दो दशकों से सत्ता से बाहर है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने अधिवेशन में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।
शिवसेना (उबाठा) ने बिहार, गुजरात और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस का रुख भी जानना चाहा।
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल कांग्रेस की सहयोगी है, जबकि गुजरात और पश्चिम बंगाल में ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी दल आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस भी चुनाव मैदान में होंगे।
शिवसेना (उबाठा) ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने गुजरात में अपना अधिवेशन आयोजित किया, लेकिन लोकसभा चुनावों में पार्टी ने 2014 के बाद पश्चिमी राज्य में केवल एक सीट जीती।’’
इसमें कहा गया है कि कांग्रेस को मध्यप्रदेश और आंध्र प्रदेश में प्रयास करने की जरूरत है, पार्टी को लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में सफलता मिली, लेकिन राज्य विधानसभा चुनावों में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा, ‘‘इस हार के लिए कांग्रेस के अंदरूनी मसलों के साथ-साथ भाजपा के घोटाले भी उतने ही जिम्मेदार हैं। इस पर उसे (कांग्रेस) विचार करना होगा।’’