जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद दिल्ली सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए राजधानी में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश जारी किया है। सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि यह फैसला केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप लिया गया है, जिसमें सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।
दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए मेडिकल, दीर्घकालिक, राजनयिक और आधिकारिक वीज़ा को छोड़कर अन्य सभी वीज़ा 27 अप्रैल 2025 से रद्द कर दिए गए हैं। जारी निर्देशों के मुताबिक, मौजूदा मेडिकल वीज़ा भी 29 अप्रैल के बाद अमान्य हो जाएंगे और भविष्य में किसी नए वीज़ा के लिए आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेशों का उल्लंघन करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की गंभीरता से निगरानी की जा रही है और किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
गौरतलब है कि यह कदम मंगलवार को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद उठाया गया है, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। विशेषज्ञों के अनुसार, यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
इस हमले के जवाब में भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कठोर कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और अटारी सीमा पर एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को बंद करना शामिल है। इसके साथ ही भारत ने सार्क वीज़ा छूट योजना के तहत जारी सभी वीज़ा भी रद्द कर दिए हैं।
भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को "पर्सोना नॉन ग्राटा" घोषित करते हुए एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है।
इसी के तहत भारत ने अपने इस्लामाबाद उच्चायोग से भी रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों समेत पांच सहायक कर्मचारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है। दोनों देशों के उच्चायोगों में स्टाफ की संख्या भी घटाकर 55 से 30 कर दी जाएगी, जो 1 मई 2025 से लागू होगी।