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'भारत के युवाओं में है परिवर्तन की ताकत'- युग्म कॉन्क्लेव में पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देश के युवाओं की सराहना करते हुए उन्हें तत्पर और...
'भारत के युवाओं में है परिवर्तन की ताकत'- युग्म कॉन्क्लेव में पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देश के युवाओं की सराहना करते हुए उन्हें तत्पर और परिवर्तनकारी बताया। उन्होंने आगे कहा कि देश के युवा अनुसंधान में मील के पत्थर स्थापित कर रहे हैं और अभूतपूर्व नवाचारों को आगे बढ़ा रहे हैं।

नई दिल्ली में आयोजित YUGM कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "आज देश का युवा अनुसंधान और विकास के लिए तैयार है और परिवर्तनकारी है। वे अनुसंधान के नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। आज देश का युवा अभूतपूर्व नवाचारों को आगे बढ़ा रहा है... हाल ही में उच्च शिक्षा प्रभाव रैंकिंग में भारत का वैश्विक स्तर पर प्रतिनिधित्व किया गया। आज, वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्थानों की संख्या बढ़ रही है और इतना ही नहीं, शीर्ष विश्वविद्यालयों ने भी विदेशों में शाखाएं खोलना शुरू कर दिया है, जिससे शैक्षणिक आदान-प्रदान बढ़ेगा। प्रतिभा स्वभाव और प्रौद्योगिकी की त्रिमूर्ति है; यह देश के भविष्य को बदल देगी।"

भारत के एआई मिशन के बारे में बोलते हुए मोदी ने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले डेटा और अनुसंधान सुविधाओं से युक्त विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है।

मोदी ने कहा, "भारत के कृत्रिम बुद्धिमत्ता मिशन के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले डेटा सेट और अनुसंधान सुविधाओं का विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा। उत्कृष्टता को भी बढ़ाया जा रहा है... हम भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को सर्वश्रेष्ठ बनाने के अपने दृष्टिकोण की दिशा में काम कर रहे हैं। हम भारत को भविष्य की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी की सूची में शामिल कराने के लिए काम कर रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि आईआईटी कानपुर और आईआईटी बॉम्बे में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, इंटेलिजेंस सिस्टम और अन्य के सुपर हब शुरू किए जा रहे हैं।

मोदी ने आगे कहा, "आज आईआईटी कानपुर और आईआईटी बॉम्बे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटेलिजेंस सिस्टम, बायोसाइंस, बायोटेक्नोलॉजी, हेल्थ और मेडिसिन के सुपर हब लॉन्च किए जा रहे हैं। आज वाधवानी इनोवेशन नेटवर्क भी लॉन्च किया गया है। अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के साथ मिलकर रिसर्च को आगे बढ़ाने का संकल्प भी लिया गया है। मैं इस प्रयास के लिए वाधवानी फाउंडेशन, हमारे आईआईटी और अन्य सभी हितधारकों को बधाई देता हूं।"

विकसित भारत के लक्ष्यों के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए 25 वर्ष की समय-सीमा निर्धारित की गई है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस यात्रा को यथासंभव कम समय में पूरा किया जाना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा, "हमने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अगले 25 साल की समय-सीमा तय की है। हमारे पास सीमित समय है, लक्ष्य बड़े हैं। मैं मौजूदा स्थिति की बात नहीं कर रहा हूं। इसलिए यह जरूरी है कि हमारे विचार का प्रोटोटाइप से लेकर उत्पाद तक का सफर कम से कम समय में पूरा हो। जब हम लैब से बाजार की दूरी कम कर देते हैं, तो शोध के नतीजे लोगों तक तेजी से पहुंचने लगते हैं। इससे शोध को भी प्रेरणा मिलती है।

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