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'मोदी और डबल इंजन सरकारों ने धोखा दिया', खड़गे ने की बाढ़ से जूझ रहे पूर्वोत्तर राज्यों की मदद की अपील

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की स्थिति को लेकर सोमवार को मोदी...
'मोदी और डबल इंजन सरकारों ने धोखा दिया', खड़गे ने की बाढ़ से जूझ रहे पूर्वोत्तर राज्यों की मदद की अपील

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की स्थिति को लेकर सोमवार को मोदी सरकार पर हमला बोला और उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पीएम केयर्स फंड के दरवाजे खोल देंगे, जहां उन्होंने दावा किया कि करोड़ों रुपये बिना किसी ऑडिट के पड़े हैं।

असम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में राज्य को बाढ़ मुक्त बनाने का वादा किया था, लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा की डबल इंजन सरकारों ने असम को धोखा दिया है।

एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विनाशकारी बाढ़, भूस्खलन और भारी बारिश से जूझ रहा है।

उन्होंने कहा कि असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम और मेघालय सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में शामिल हैं, जहां कई लोगों की जान चली गई है और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को लोगों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, "2016 में भाजपा ने असम को ‘बाढ़ मुक्त’ बनाने का वादा किया था। 2022 में गृह मंत्री अमित शाह ने यह वादा दोहराया।"

खड़गे ने अपने पोस्ट में कहा, "तथाकथित 'स्मार्ट सिटी' गुवाहाटी के दृश्यों को देखकर याद आता है कि कैसे मोदी जी और उनकी डबल इंजन सरकारों ने असम को धोखा दिया है।"

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "बुनियादी विकास के मुद्दों से ध्यान भटकाना, ध्यान भटकाना और भावनात्मक एवं ध्रुवीकरणकारी विषयों की ओर ले जाना भाजपा की राजनीति की पहचान रही है।"

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को बाढ़ की तैयारियों के लिए पूर्वोत्तर के सभी राज्यों, विशेषकर असम को अधिक धनराशि जारी करनी चाहिए। खड़गे ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, "शायद मोदी जी पीएम केयर्स फंड के दरवाजे बिना सार्वजनिक ऑडिट के खोल दें, जिसमें करोड़ों रुपये पड़े हैं।"

पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी वर्षा के बाद बाढ़ की स्थिति गंभीर है। असम में बाढ़ के कारण अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से अधिक जिलों में चार लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं तथा सात प्रमुख नदियां उफान पर हैं।

राज्य और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार भारी वर्षा के कारण निचले इलाकों और नदी किनारे के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए स्थिति और खराब होने की संभावना है।

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