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मणिपुर में शांति बनाए रखने में विफल हुआ राष्ट्रपति शासन: कांग्रेस का आरोप

सरकारी बस के विंडशील्ड पर राज्य का नाम छुपाने को लेकर हो रहे विरोध के बीच मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष...
मणिपुर में शांति बनाए रखने में विफल हुआ राष्ट्रपति शासन: कांग्रेस का आरोप

सरकारी बस के विंडशील्ड पर राज्य का नाम छुपाने को लेकर हो रहे विरोध के बीच मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष कैशम मेघचंद्र ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति शासन राज्य में शांति बनाए रखने में "विफल" रहा है। 

उन्होंने यह भी दावा किया कि इस वर्ष जनवरी में कार्यभार संभालने वाले राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को केंद्र द्वारा वापस बुलाया जाना चाहिए।

राज्य में लंबे समय तक चली जातीय हिंसा के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। राज्य विधानसभा, जिसका कार्यकाल 2027 तक है, को निलंबित कर दिया गया है।

एक्स पर एक पोस्ट में, वांगखेम विधायक मेघचंद्र ने आरोप लगाया, "पिछले 2 साल से ज़्यादा समय से डबल इंजन वाली सरकार मणिपुर को विफल कर चुकी है। राष्ट्रपति शासन भी मणिपुर को विफल कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार मणिपुर को विफल कर रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। मणिपुर के राज्यपाल को वापस बुला लिया जाना चाहिए।" 

"डबल इंजन" शब्द का इस्तेमाल बीजेपी नेता केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर सत्ता में रहने वाली पार्टी के लिए करते हैं।

कांग्रेस नेता की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पिछले सप्ताह एक सरकारी बस के शीशे पर राज्य का नाम छुपाए जाने को लेकर राज्य में पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारी 20 मई की घटना के लिए राज्यपाल से माफी की मांग कर रहे हैं।

सुरक्षाकर्मियों ने इम्फाल से लगभग 25 किलोमीटर दूर ग्वालटाबी चेक पोस्ट पर बस को रोका और कथित तौर पर सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (डीआईपीआर) के कर्मचारियों को वाहन के विंडशील्ड के ऊपर लिखे राज्य के नाम को सफेद कागज के टुकड़े से छिपाने के लिए मजबूर किया।

20 मई को जब यह घटना घटी, उस समय बस पत्रकारों को लेकर उखरुल जिले में शिरुई लिली महोत्सव के लिए जा रही थी। ग्वालटाबी घटना का जिक्र करते हुए मेघचंद्र ने कहा, ''मणिपुर के राज्यपाल को मणिपुर राज्य परिवहन निगम की बस से 'मणिपुर' शब्द हटाने का निर्देश किसने दिया?'' 

अपने विरोध को तेज करने के लिए छात्रों और महिला समूहों ने सोमवार को इम्फाल हवाई अड्डे से राज्यपाल के आवास से करीब 200 मीटर दूर केइसमपट तक छह किलोमीटर की दूरी तय करते हुए मानव श्रृंखला बनाई थी।

प्रदर्शन को देखते हुए सोमवार को नई दिल्ली से इंफाल पहुंचे राज्यपाल ने सेना के हेलीकॉप्टर से राजभवन से करीब 300 मीटर दूर स्थित कांगला किला पहुंचने का प्रयास किया।

सोमवार देर रात एक पोस्ट में मेघचंद्र ने यह भी कहा, "मणिपुर के राज्यपाल को आज राजभवन पहुंचने के लिए इंफाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर लेना पड़ा, जो हवाई अड्डे से सड़क मार्ग से लगभग 7 किमी दूर है।" 

मई 2023 से मैतेई और कुकी-ज़ो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं।

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