कांग्रेस ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वह भारत-पाकिस्तान के बीच "संघर्ष विराम" कैसे हुआ, इस बारे में ट्रम्प प्रशासन के बार-बार किए गए दावों पर अपनी "चुप्पी" तोड़ें।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "प्रधानमंत्री को देश को यह बताना चाहिए कि क्या यह सच है कि अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुट्टनिक ने 23 मई, 2025 को न्यूयॉर्क स्थित अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में एक बयान दाखिल कर शपथ ली थी कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘अस्थिर युद्ध विराम’ कराने और ‘नाजुक शांति’ लाने के लिए अपनी टैरिफ शक्ति का इस्तेमाल किया है?"
इस पर सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन उसने कहा कि दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत के बाद शत्रुता समाप्त करने पर भारत-पाकिस्तान के बीच सहमति बनी है।
एक्स पर एक पोस्ट में रमेश ने आगे कहा, "श्री लुट्टनिक स्वयं राष्ट्रपति ट्रम्प के पदचिन्हों पर चल रहे हैं, जिन्होंने 3 विभिन्न देशों में 11 दिनों में 8 बार यह दावा किया। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी यही बात दोहराई है और भारत तथा पाकिस्तान के बीच वार्ता के लिए एक 'तटस्थ स्थल' का भी उल्लेख किया है।"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़े।"
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार दावा करते रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को सुलझाने में मदद की है।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारतीय कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर भीषण जवाबी हमला किया।
चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव समाप्त करने के लिए 10 मई को सहमति बनी थी। 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया था कि वाशिंगटन की मध्यस्थता से रात भर चली लंबी बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं।