भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गोवा इकाई के अध्यक्ष दामोदर नाइक ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) मंदिर में मची भगदड़ के बाद की स्थिति पर स्वयं नजर रख रहा है।
विपक्षी दल कांग्रेस ने घटना पर शोक व्यक्त किया, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने मांग की कि सरकार भगदड़ की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच का आदेश दे और आवश्यक कार्रवाई करे।
उत्तरी गोवा में शिरगांव के श्री लईराई देवी मंदिर में शनिवार तड़के एक उत्सव के दौरान भगदड़ मचने से छह लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य लोग घायल हो गए।
नाइक ने यहां गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के बाहर संवाददाताओं से कहा कि अस्पताल में भर्ती छह लोगों की हालत गंभीर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से बात की है।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘पीएमओ गोवा की स्थिति पर व्यक्तिगत रूप से नजर रख रहा है। केंद्र ने राज्य को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।’’
विपक्षी दल कांग्रेस ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पीड़ितों को चिकित्सकीय एवं वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी अमरनाथ पंजिकर ने कहा कि पार्टी पीड़ित परिवारों, श्रद्धालुओं और शिरगांव के पूरे समुदाय के साथ एकजुटता से खड़ी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह देवस्थान समिति को पूर्ण सहयोग प्रदान करे ताकि शेष चार दिन लईराई जात्रा सुरक्षित और सुचारू रूप से जारी रखी जा सके। इस जात्रा के लिए लाखों श्रद्धालु शिरगांव आते हैं।’’
पंजिकर ने कहा कि इन समारोहों के दौरान भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचने के लिए पर्याप्त सुरक्षा एवं भीड़ प्रबंधन किया जाना चाहिए तथा आपात स्थिति से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने सरकार से घटना की जांच का आदेश दिए जाने की मांग की ताकि भगदड़ को लेकर जिम्मेदारी तय की जा सके और आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता ट्रेजानो डी’मेलो ने कहा कि पार्टी पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करती है। उन्होंने दावा किया कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ कानून एवं व्यवस्था तंत्र की लापरवाही के कारण मची।
उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल मांग करती है कि घटना की जांच करने के लिए एक आयोग का गठन किया जाए ताकि जिम्मेदारी तय की जा सके और आवश्यक कदम उठाए जा सकें। सरकार को पीड़ितों को अनुग्रह राशि तत्काल देनी चाहिए।’’