जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान देते हुए बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। कुशवाहा ने रविवार को कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पीएम मैटेरियल हैं। सीएम नीतीश भी पीएम रेस में हैं। गौरतलब है कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर मोदी सरकार और नीतीश सरकार दोनों आमने-सामने है। नीतीश जातीय जनगणना पर जोड़ दे रहे हैं। जबकि केंद्र इसे नकार रही है। अब उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए के भीतर की खलबली को बढ़ा दी है। दरअसल, राजनीतिक पंडितों का मानना है कि बिहार की राजनीति में अभी बहुत कुछ होना है। अभी खेल शुरू हुआ है।
तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीतीश को 'दिल्ली' भेजने की बातें दोहरा चुकी है। एनडीए कलह के बाद राजद नेताओं ने यहां तक कहा था कि नीतीश तेजस्वी को बिहार सौंपे और एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति में नीतीश अपनी किस्मत आजमाएं। अब उपेंद्र कुशवाहा ने पीएम मोदी की रेस में नीतीश के होने और पीएम मैटेरियल का राग अलाप कर फिर से तेजस्वी के "मन की बात" कह दी है। अब देखना होगा कि क्या नीतीश बिहार छोड़ दिल्ली का रूख करेंगे। हालांकि, अभी तक जेडीयू या बीजेपी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
वहीं, बिहार एनडीए में घटक दल हम के मुखिया और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी कई बार पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साध चुके हैं। मांझी ने हाल ही में एक बयान देते हुए यहां तक कहा था कि जब वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की फोटो छप रही है तो कोरोना से मरने वाले लोगों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी उनकी फोटो होनी चाहिए।
साथ ही बीजेपी भी लगातार नीतीश को कमजोर करती दिखाई दे रही है। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने तो बीते दिनों हाजीपुर में अपने कार्यकर्ताओं से यहां तक कहा था कि संगठन को प्रखंड स्तर पर इस तरह से मजबूत किया जाए ताकि अगली बार भाजपा की सरकार बनें। वहीं, इस वक्त जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार और केंद्र सरकार के बीच रार छिड़ी है। नीतीश का कहना है कि ये जरूरी है जबकि मोदी सरकार इसे नकार रही है। इस मामले में नीतीश को तेजस्वी का भी साथ मिल चुका है।