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"फिर से जम्मू-कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा, जल्द होंगे चुनाव", जानिए- सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी-शाह ने क्या कहा

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में लंबे समय के इंतजार के बाद कश्मीर मुद्दे पर...

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में लंबे समय के इंतजार के बाद कश्मीर मुद्दे पर स्थानीय नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक हुई। इस बैठक में एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो दिल्ली और दिल की दूरी को खत्म करना चाहते हैं। वहीं, दूसरी तरफ एक बार फिर से विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और अनुच्छेद 370 को बहाल करने की मांग पर जोर दिया है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री नरेंद्र मोदी का भी वक्तव्य सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री शाह ने कहा है कि जल्द वो चाहते हैं कि राज्य को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हो और चुनाव हो।

सर्वदलीय बैठक को पीएम मोदी ने सकारात्मक और लोकतंत्र की मजबूती बताया है। बातचीत को सभी दलों ने सकारात्मक कहा है। पीएम मोदी ने कश्मीर पर बुलाई गई बैठक के बाद कहा है, “हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत एक मेज पर बैठने और विचारों का आदान-प्रदान करने की क्षमता है। मैंने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि लोगों, खासकर युवाओं को जम्मू-कश्मीर को राजनीतिक नेतृत्व देना है और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी आकांक्षाएं पूरी हों।” आगे पीएम मोदी ने कहा है, “हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है। परिसीमन तेज गति से होना चाहिए ताकि चुनाव हो सकें और जम्मू-कश्मीर को एक चुनी हुई सरकार मिले जो जम्मू-कश्मीर के विकास पथ को ताकत दे।”

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नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी इस बैठक में शामिल हुए। पीएम मोदी के साथ कश्मीर मामले पर सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में कहा कि हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा जल्द से जल्द मिले और वहां पर चुनाव भी जल्द से जल्द करवाए जाएं।" 

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “डिलिमिटेशन की प्रक्रिया में सभी की हिस्सेदारी हो इसको लेकर बैठक में बातचीत हुई। बैठक में मौजूद सभी दलों ने इस प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए सहमति जताई। बैठक में पीएम मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए सभी हितधारकों को साथ चलना होगा।“ आगे सिंह ने कहा है, “बैठक में पीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी जगह विकास पहुंचे इसके लिए साझेदारी हो। विधानसभा चुनाव के लिए डिलिमिटेशन की प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करना होगा ताकि हर क्षेत्र प्राप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व विधानसभा में प्राप्त हो सकें।“

वहीं, बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि अधिकांश विपक्षी दलों ने पीएम मोदी के सामने इन मांगों को रखा है। आजाद ने कहा है, "लगभग 80% पार्टियों ने धारा 370 पर बात की लेकिन मामला अदालत में विचाराधीन है। हमारी मांगों में शीघ्र पूर्ण राज्य का दर्जा, लोकतंत्र बहाल करने के लिए चुनाव, कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाना और भूमि, रोजगार की गारंटी की मांगे रही है।"

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने सर्वदलीय बैठक में फिर से पाकिस्तान से बातचीत पर जोर दिया है। हालांकि, बैठक से पहले भी महबूबा ने ये मांग की थी। लेकिन, फारूख अब्दुल्ला ने इस बयान से किनारा कर लिया है। उनका कहना है कि उन्हें सिर्फ अपने देश से मतलब है। महबूबा ने बैठक के बाद कहा है, "मैंने बैठक में प्रधानमंत्री की प्रशंसा की और कहा कि आपने पाकिस्तान से बात कर सीज़फायर करवाया। घुसपैठ कम हुई ये अच्छी बात है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को पाकिस्तान से बात करने पर सुकून मिलता है तो आपको पाकिस्तान से बात करनी चाहिए।" 

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