आरएसएस और भाजपा ने राज्य में दलित आंदोलन के बाद यह सर्वेक्षण करवाया। सर्वे के लिए संघ प्रचारकों ने लोगों से सरकार की पंसद पर जानकारी ली। सर्वे में यह भी सामने आया है कि ऊना की घटना के बाद दलितों ने भाजपा से किनारा कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि इसी सर्वे के बाद आनंदीबेन ने इस्तीफा दिया है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक आरएसएस ने यह सर्वे दिखाकर ही गुजरात की पहली महिला सीएम को इस्तीफा देने के लिए तैयार किया, और उन्होंने सोमवार को पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
'अहमदाबाद मिरर' के मुताबिक यह भी कहा जा रहा है कि पाटीदार आरक्षण और दलित आंदोलन की वजह से पार्टी की छवि को इतना नुकसान पहुंचा है कि 2017 के चुनावों में भाजपा का राज्य की 18 सीटों पर भारी अंतर से चुनाव हारना तय है। सर्वे यह भी कहता है कि राज्य के आदिवासी भी अब सरकारी नौकरियों और भूमि आवंटन की प्रक्रिया में हिस्सेदारी की मांग लेकर आंदोलन कर सकते हैं।
हालांकि आरएसएस ने ऐसे किसी भी सर्वे की बात से इनकार किया है और कहा है कि भाजपा खुद ऐसे सर्वे करवा सकती है।