कांग्रेस ने पंजाब में अपने अगले 'कैप्टन' के लिए नाम को फाइनल कर लिया है। राज्य के अगले मुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा होंगे। वो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह लेंगे। कैप्टन अमरिंदर ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया था। वहीं, इस बार दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे। चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक प्रीतम कोटभाई ने कहा है, "सुखजिंदर रंधावा को मुख्यमंत्री के लिए नामित किया है। वे मुख्यमंत्री बनेंगे।" रंधावा बाबा डेरा नानक (गुरदासपुर) से तीन बार एमएलए रह चुके हैं। हालांकि, अभी औपचारिक ऐलान बाकी है।
यदि रंधावा मुख्यमंत्री बनते हैं तो फिर नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि, कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफा के पीछे सिद्धू का ही खेल देखा जा रहा है।
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सूत्रों के बताया कि सुखजिंदर रंधावा पंजाब के अगले मुख्यमंत्री होंगे। गुरदासपुर के रहने वाले रंधावा पंजाब कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके पिताजी संतोख सिंह दो बार पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने रंधावा के हवाले से लिखा है, "कैप्टन (अमरिंदर सिंह) साहब हमारे सीनियर हैं। मैंने हमेशा उनके साथ मेरे पिता की तरह व्यवहार किया है। उन्होंने मुझे अपने बेटे-भाई की तरह माना है। मतभेद रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी मेरे खिलाफ नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी।"
पंजाब मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण करने के सवाल पूछे जाने पर सुखजिंदर सिंह रंधावा कहते है, "मेरा नहीं लेकिन शपथ ग्रहण किसी का जरूर होगा।" बता दें, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद सीएम की रेस में पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और प्रताप सिंह बाजवा, दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू भी हैं। एक दलित सिख मुख्यमंत्री और दो डिप्टी का एक फॉर्मूले पर भी चर्चा सियासी गलियारों में है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की निवर्तमान कैबिनेट में जेल और सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा (62) पंजाब के माझा क्षेत्र से तीन बार के विधायक हैं। वे 2002, 2007 और 2017 में विधायक बने। वह राज्य कांग्रेस के उपाध्यक्ष और महासचिव रह चुके हैं। उनका परिवार भी कांग्रेस से जुड़ा रहा है। उनके पिता, संतोख सिंह, दो बार राज्य कांग्रेस अध्यक्ष थे और माझा क्षेत्र में एक बहुत प्रसिद्ध व्यक्ति थे।
पंजाब के अब तक मुख्यमंत्रियों में प्रताप सिंह कैरों के बाद रंधाावा ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं जो पंजाब के मालवा क्षेत्र से हैं। इससे पहले के मुख्यमंत्रियों में ज्ञानी जैल सिंह,सुरजीत सिंह बरनाला,बेअंत सिंह,हरचरण बराड़,प्रकाश सिंह बादल,राजिंदर कौर भठल और कैप्टन अमरिंदर सिंह मालवा क्षेत्र से हैं। नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे के रंधावा कैप्टन अमरिंदर की केबिनेट के ऐसे पहले मंत्री रहे हैं जिन्होंने सबसे पहले कैप्टन के खिलाफ मौर्चा खोला था। अप्रैल में कैबिनेट की एक बैठक में उन्होंने अफसरशाही से खिन्न होकर अपना इस्तीफा कैप्टन को कैबिनेट की बैठक में ही सौंप दिया था जिसे कैप्टन ने नामंजूर कर दिया था।
शनिवार देर सांय तक चली विधायकों दल की बैठक में पारित प्रस्ताव में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को वे विधायक दल का नेता का नाम तय किए जाने बारे अधिकृत किया गया। इसके बाद रविवार को दोपहर तक चंडीगढ़ के एक होटल में प्रदेश प्रभारी हरीश रावत व पर्यवेक्षक अजय माकन और हरीश चौधरी ने तमाम विधायकों से फोन पर एवं एक-एक विधायक से मिलकर फीडबैक लिया गया कि पंजाब का अगला सीएम कौन होना चाहिए। सूत्रों मुताबिक 40 से अधिक विधायकों ने रंधावा के प्रति समर्थन जताया।