अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से भारत में भी लोगों को राहत देते हुए तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम घटा दिए हैं।
विपक्षी उम्मीदवार माॅरिशियोे माकरी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है। इसके साथ ही वाम झुकाव वाली राष्ट्रपति क्रिस्टीना किर्चनर के युग का अंत हो गया है। क्रिस्टीना ने अपने दिवंगत पति के साथ 12 साल तक देश के राजनीतिक फलक पर अपना दबदबा कायम रखा और जन अधिकारों को मजबूती दी थी।
एक ओर बैन के बाद बाजारों में नेस्ले की मैगी दोबारा से लौट आई है वहीं दूसरी ओर इसके सामने चुनौती के तौर पर बाबा रामदेव की स्वदेशी मैगी आज से बाजार में उपलब्ध है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने के कारण देश में भी पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए। पेट्रोल की कीमत में 36 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम में 87 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई है।
चुनौतीपूर्ण वैश्विक हालात में भी भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अगले दो दशक में इसमें 10 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है। राष्ट्रपति ने यहां प्रगति मैदान में 35वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला - 2015 (आईआईटीएफ) का उद्घाटन करते हुए कहा कि घरेलू स्तर पर मेक इन इंडिया अभियान के साथ-साथ विनिर्माण पर जोर दिए जाने की जरूरत है।
कार बिक्री में लगातार 12वें महीने बढ़ोतरी का रुख है। अक्टूबर माह में कारों की बिक्री 21.8 प्रतिशत बढ़ गई है। दरअसल त्योहारी मौसम में लगातार मांग से वाहन उद्योग में यह रौनक आई है। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक घरेलू बाजार में अक्टूबर माह के दौरान कारों की बिक्री बढ़कर 1,94,158 इकाइयों की रही जो 2014 के इसी माह में 1,59,408 इकाइयों की थी।
बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत राजग की करारी हार के बाद पहले कारोबारी दिन बॉम्बे शेयर बाजार का सूचकांक शुरुआती कारोबार में 608 अंक टूटकर 26,000 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 180 अंक टूटकर 7,800 के स्तर से नीचे आ गया।
लगभग हर भारतीय के लिए दिवाली का त्योहार बचपन की यादों से जुड़ा होता है क्योंकि यही एकमात्र ऐसा त्योहार होता है जिसमें जमकर खरीदारी और तोहफों के लेन-देन का सिलसिला परवान पर होता है। लोग दिवाली के 10-15 दिन पहले से ही खरीदारी में जुट जाते थे।