अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने के कारण देश में भी पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए। पेट्रोल की कीमत में 36 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम में 87 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई है।
चुनौतीपूर्ण वैश्विक हालात में भी भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अगले दो दशक में इसमें 10 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है। राष्ट्रपति ने यहां प्रगति मैदान में 35वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला - 2015 (आईआईटीएफ) का उद्घाटन करते हुए कहा कि घरेलू स्तर पर मेक इन इंडिया अभियान के साथ-साथ विनिर्माण पर जोर दिए जाने की जरूरत है।
पिछले कुछ हफ्तों में लेखकों वैज्ञानिकों और कलाकारों के सम्मान लौटाने की बाढ़ देखी गई। पुरस्कार लौटाने के जरिये ये सम्मानित और पुरस्कृत लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए खड़े हुए हैं। बढ़ती असहिष्णुता और हमारे बहुलतावादी मूल्यों पर हो रहे हमलों पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए इन शिक्षाविदों, इतिहासकारों, कलाकारों और वैज्ञानिकों के कई बयान भी आए हैं। जिन्होंने अपना पुरस्कार लौटाया है वे सभी साहित्य, कला, फिल्म निर्माण और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों में से हैं। इस तरह सम्मान लौटाकर उन सभी लोगों ने सामाजिक स्तर पर हो रही घटनाओं पर अपने दिल का दर्द बयान किया है।
देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने के तरीके पर असहमति जताते हुए मशहूर अभिनेता कमल हासन ने कहा कि पुरस्कार वापस करना इस समस्या का कोई समाधान नहीं है क्योंकि ध्यान आकर्षित करने के और भी तरीके हैं।
नए अभिनेता जरा मुश्किल से ही राजनीति पर अपनी राय जाहिर करते हैं। लेकिन राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मानित अभिनेता राजकुमार राव ने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने के फिल्म निर्माताओं के फैसले को साहसी कदम बताया है।
साहित्य अकादमी का पुरस्कार लौटाने का सिलसिला एक नई परिस्थिति का संकेत देता है और एक अभूतपूर्व माहौल की रचना भी करता है। परिस्थिति नई है, वरना अभी तक यह माना जाता रहा है कि कला और साहित्य में राज्य द्वारा सम्मानित किए जाने के लिए होड़ लगी रहती है। पुरस्कार लौटाने की व्यग्रता इस पैमाने पर पहले नहीं देखी गई।
जानेमाने गीतकार गुलजार ने बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता के विरोध में लेखकों की ओर से साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाए जाने को सही बताते हुए कहा कि देश में ऐसे हालात पहले कभी नहीं देखे गए।