विश्व योग दिवस के अवसर इतिहास रचने की मंशा लिए भारत सरकार ने सवा सौ करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि केवल प्रचार-प्रसार पर खर्च किया है। सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने इस दिवस को सफल बनाने का जो बजट तैयार किया है वह प्रचार-प्रसार के लिए अन्य योजनाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शनिवार न्यूयार्क के लिए रवाना हो गई जहां वह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में हिस्सा लेंगी। लेकिन बहुत संभव है कि ललित मोदी की मदद को लेकर विदेशी पत्रकार उनसे सवाल कर सकते हैं क्योंकि एक विदेशी अखबार ‘संडे टाइम्स’ ने ही इस मामले को उजागर किया था। ऐसे किसी तीखे सवाल से देश की साख को बट्टा लग सकता है इसलिए हो सकता है कि विदेश मंत्री पूरी तैयारी के साथ न्यूयॉर्क जा रही हों।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने इस बात पर जोर दिया है कि योग भेदभाव नहीं करता है। उन्होंने कहा कि जब अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने अपना पहला आसन करने की कोशिश की तो इससे उन्हें एक संतुष्टि की अनुभूति हुई।
अब योग किसी एक संस्कृति या धर्म का नहीं रहा। यह क्रिसमस की तरह है, जो भी इसे मनाना चाहें उन सब का है। आधुनिक दौर में हमारे सुस्त और गतिहीन जीवन से उबरने का सबसे बेहतर तरीका।
सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित करने और सूर्यनमस्कार के मुद्दे पर सरकार और मुस्लिम कट्टरपंथियों के बीच विवाद की खाई बढ़ती जा रही है। यहां तक कि आज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने भी इसके खिलाफ ट्वीट कर दिया।
दुनिया की सबसे अमीर खेल संस्था इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा ) भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण संकट में है लेकिन पिछले एक दशक से भी अधिक समय से बतौर अध्यक्ष सेप ब्लास्टर बेफिक्र हैं। फीफा के चुनाव में पहले से ही जीत के प्रति आश्वस्त ब्लास्टर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि यूरोपियन फुटबॉल फेडरेशन (यूईएफए) जैसा प्रभावशाली संघ और कई सारे प्रायोजक उन्हें हटाने पर आमदा हैं। भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) में अध्यक्ष एन. रामचंद्रन को हटाने के लिए कुछ ऐसी ही उठापटक चल रही है और आईओए कई खेमों में बंट गया है।