दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा यह फैसला दिए जाने के बाद कि उपराज्यपाल ही दिल्ली में असली शासक हैं, नजीब जंग लगातार ऐसे फैसले ले रहे हैं जो दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को भड़का दे। मंगलवार को भी उन्होंने ऐसे फैसले लिए। पहले तो उन्होंने दिल्ली सरकार में शीर्ष स्तर पर अधिकारियों के तबादले कर दिए और उसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने अब तक उपराज्यपाल की अनुमति के बिना जितने भी फैसले लिए हैं, उनकी जांच के लिए समिति गठित कर दिया।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर 'पीके' पर हमला किया है। मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परामर्शी और बिहार विकास मिशन के शासी निकाय के सदस्य प्रशांत किशोर अगर राज्य में अपने कामों के प्रति न्याय नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार एक बार फिर मुसीबत में है। बुधवार की शाम खुद अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट कर जानकारी दी कि उनकी सरकार के महिला एवं बाल कल्याण मंत्री संदीप कुमार को सेक्स वीडियो सामने आने के बाद तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में मंत्रियों का कोई जवाब नहीं। यहां की अखिलेश सरकार के मंत्रियों ने पॉकेट मनी के नाम पर 8.78 करोड़ रुपए उड़ा दिए हैं। चार साल के दौरान इसमे से सबसे ज्यादा खर्च अरुण कुमार कोरी और आजम खां ने किया है। एक तरफ जहां दोनों ने पॉकेट मनी के नाम पर सरकार के 22.93 लाख और 22.86 लाख खर्च किए वहीं सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई यानी अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने पॉकेट मनी के नाम पर एक पैसा नहीं लिया।
जैन मुनि तरूण सागर पर व्यंग्यात्मक ट्वीट कर कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने को लेकर संगीतकार विशाल डडलानी के खिलाफ हरियाणा पुलिस में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। अंबाला कैंट पुलिस ने डडलानी और और तहसीन पूनावाला नाम के एक कांग्रेस कार्यकर्ता के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है।
हरियाणा विधानसभा में जैन संत तरुणसागर महाराज के कड़वे प्रवचन पर वाद-विवाद चल रहा है। पक्ष-विपक्ष के बीच वह अब तक कहां-कहां प्रवचन देने गए हैं इसका लेखा-जोखा निकाला जा रहा है।
जैन मुनि तरूण सागर के हरियाणा विधानसभा को संबोधित करने पर अपनी व्यंग्यात्मक टिप्पणी के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई हलकों से आलोचनाओं के घेरे में आए आम आदमी पार्टी (आप) के समर्थक और संगीतकार विशाल ददलानी ने हर तरह के राजनीतिक कार्य से दूरी बनाने की घोषणा की है। ददलानी ने यह भी कहा कि पार्टी छोड़ने का फैसला पूरी तरह उनका अपना है।