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Search Result : "अट‍ल बिहारी वाजपेयी"

एक शाम पिता के नाम

एक शाम पिता के नाम

पिछले दिनों प्रसिद्ध कवि, चिंतक कैलाश वाजपेयी का निधन हो गया। उनकी कविताओं में आध्यात्म, प्रकृति और जीवन के अलग रंग दिखते थे। उनकी कविताओं की गूढ़ता ही उस रचना की खूबसूरती थी। उनकी बेटी अनन्या वाजपेयी ने अलग ढंग से पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी कविताओं को संगीत में ढाल कर सुर के साथ इनका पाठ किया गया।
नेताजी फाइलें: इंदिरा ने नष्ट कीं, अटल ने छिपाईं

नेताजी फाइलें: इंदिरा ने नष्ट कीं, अटल ने छिपाईं

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक नायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस 48 वर्ष के थे जब कहते हैं कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान में एक जापानी युद्धक विमान की दुर्घटना में उनकी मौत हो गई
नेताजी पर सरकार का पाखंड

नेताजी पर सरकार का पाखंड

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत के रहस्य के मसले पर कांग्रेस की सरकारों, खासकर पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ आग उगलने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली वाजपेयी सरकार और वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार ने भी इससे संबंधित विभिन्न आयोगों की रिपोर्टों, खुफिया सूचनाओं और अन्य दस्तावेजों के खुलासे से इनकार किया।
देवीशंकर अवस्थी सम्मान युवा आलोचक जीतेंद्र गुप्ता को

देवीशंकर अवस्थी सम्मान युवा आलोचक जीतेंद्र गुप्ता को

बीसवां देवीशंकर अवस्थी सम्मान युवा आलोचक जीतेंद्र गुप्ता को उनकी पुस्तक ‘भारतीय इतिहासबोध का संघर्ष और हिंदी प्रदेश’ के लिए प्रतिष्ठित लेखिका कृष्णा सोबती द्वारा 5 अप्रैल 2015 को रवींद्र भवन में साहित्य जगत की जानी-मानी हस्तियों की मौजूदगी में प्रदान किया गया।
चिंतक, कवि कैलाश वाजपेयी का निधन

चिंतक, कवि कैलाश वाजपेयी का निधन

कविता संग्रह हवा में हस्ताक्षर के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त कवि, चिंतक और जाने माने साहित्यकार कैलाश वाजपेयी का दिल्ली में हद्यगति रुक जाने से निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे।
वाजपेयी बने भारत रत्न

वाजपेयी बने भारत रत्न

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को आज देश के शीर्ष नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
वाजपेयी और मोदी में 5 अंतर

वाजपेयी और मोदी में 5 अंतर

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मोदी सरकार के जमाने में भारत रत्न मिल रहा है। मोदी सरकार ने वाजपेयी का नाम भारत रत्न के लिए क्यों चुना इस पर कई मत हैं। लेकिन इतना तय है कि मोदी, वाजपेयी की विरासत को आगे बढ़ाने का दावा करते हैं और कई मामलों में तो उनकी नकल भी करने की कोशिश करते हैं। एक ही विचारधारात्मक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खांचे से ढलकर निकलने के बावजूद दोनों के व्यक्तित्व के डिजाइन अलग हैं। देखिए:
अड्डे पर साझा उदासी

अड्डे पर साझा उदासी

अड्डे पर लोग सात बजे शाम से जुटने लगते हैं। साढ़े सात तक प्राय: सभी पहुंच जाते हैं। जो नहीं पहुंच पाता उसकी तलाश शुरू हो जाती है।
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