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Search Result : "अनिल शास्त्री"

खेती में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को रोका जाय: दवे

खेती में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को रोका जाय: दवे

केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री :स्वतंत्र प्रभार: अनिल माधव दवे ने प्राकृतिक खेती को विशेष रूप से नर्मदा नदी के बेल्ट में बड़ी तादात में बढ़ावा देने का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि खेती में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को रोका जाये, ताकि समूचे देश के कृषि क्षेत्र में उपयोग किये जा रहे रासायनिक उर्वरकों के हानिकारक प्रभावों से लोगों को बचाया जा सके।
पर्यटन स्थलों पर कचरा करने से नाराज हैं पर्यावरण मंत्री

पर्यटन स्थलों पर कचरा करने से नाराज हैं पर्यावरण मंत्री

पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों द्वारा कचरा फैलाए जाने से केंद्र की भाजपानीत सरकार के पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे खासे नाराज हैं। उन्होंने आज इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि लोग पर्यटनस्थलों पर जाते हैं और वहां कचरा फैलाकर आ जाते हैं।
बजट सत्र के अभिभाषण में  उपराज्यपाल ने गिनाए दिल्ली सरकार के काम

बजट सत्र के अभिभाषण में उपराज्यपाल ने गिनाए दिल्ली सरकार के काम

उपराज्यपाल अनिल बैजल के अभिभाषण के साथ दिल्ली विधानसभा का पांच दिन का बजट सत्र आज शुरू हो गया। बैजल ने सरकार के ‌काऱ्र्याों और उपल‌ब्धियाोंं काो ‌‌गिनाया। उन्‍हाेने पिछले साल दिसंबर में कार्यभार संभाला था जिसके बाद से यह उनका पहला अभिभाषण है।
अंबानी की कंपनी को मिला अमेरिकी पोतों की मरम्मत का काम

अंबानी की कंपनी को मिला अमेरिकी पोतों की मरम्मत का काम

रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग ने अमेरिकी नौसेना के साथ उसके युद्धक पोतों की मरम्मत करने का एक समझौता किया है। कंपनी अमेरिका के सातवें बेड़े के पोतों की मरम्मत का कार्य करेगी जो भारत के नजदीकी क्षेत्र में चलता है।
हीराखंड एक्सप्रेस के नौ डिब्बे पटरी से उतरे, 39 यात्रियों की मौत

हीराखंड एक्सप्रेस के नौ डिब्बे पटरी से उतरे, 39 यात्रियों की मौत

आंध्र प्रदेश के विजियानगरम जिले में जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस के इंजन एवं नौ डिब्बों के पटरी से उतर जाने के कारण कम से कम 39 यात्रिायों की मौत हो गई और 69 अन्य घायल हो गये। रेलवे ने इस दुर्घटना के पीछे साजिश का संदेह जताया है। गत तीन महीनों में यह तीसरी रेल दुर्घटना है। इस बीच रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि हीराखंड एक्सप्रेस हादसे के लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा के मंत्री का विवादित बयान

हरियाणा के मंत्री का विवादित बयान

हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने कहा है कि नरेंद्र मोदी खादी के लिए महात्मा गांधी से बड़े ब्रांड हैं। अनिल विज का ये बयान उस वक्त आया है जब खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में से गांधी जी की तस्वीर नदारद है और उनकी जगह पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर कैलेंडर में चस्पा है। तस्वीर में प्रधानमंत्री मोदी चरखा चलाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
भाजपा के मंत्री के बोल : पीएम मोदी गांधी से बड़े ब्रैंड, नोट से भी हटेंगे बापू

भाजपा के मंत्री के बोल : पीएम मोदी गांधी से बड़े ब्रैंड, नोट से भी हटेंगे बापू

अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए हरियाणा के मंत्री अनिल विज एक बार चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि गांधी के नाम की वजह से खादी डूब रही थी इसलिए अगर खादी ग्रामोद्योग उनकी बजाय पीएम मोदी का फोटो अपने कैलेंडर और डायरी पर इस्तेमाल करता है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। विज ने तो यहां तक कहा कि नोटों से भी गांधी की फोटो हटाई जाएगी, हालांकि बाद में उन्होंने इस बयान को वापस ले लिया।
शास्त्री जी की मृत्यु का विवाद खत्म हो

शास्त्री जी की मृत्यु का विवाद खत्म हो

पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में संभालने वाले लाल बहादुर शास्त्री के निधन को 51 साल हो गए हैं, पर उनके परिवार के कुछ सदस्यों को आज भी संदेह है कि उनकी मृत्यु प्राकृतिक नहीं थी। ऐसे में शास्त्री जी के परिजनों को उनके साथ गए सहयोगियों द्वारा ताशकंद समझौते के विवरणात्मक तथ्यों को एक बार अवश्य देख लेने की आवश्यकता है।
मोदी की टीम नहीं, टीम उत्तराखंड कहें

मोदी की टीम नहीं, टीम उत्तराखंड कहें

नरेंद्र मोदी ने जब देश के प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली थी तब कहा गया था कि उनकी टीम में गुजरात के अधिकारियों की भरमार है। गुजरात के अधिकारी प्रधानमंत्री कार्यालय में आज भी बहुत हैं मगर अब शीर्ष पदों पर अब उत्तराखंड के अधिकारियों का दबदबा बढ़ गया है।
‘’कोई धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता’’

‘’कोई धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता’’

‘धर्म न केवल मनुष्य बल्कि प्राणिमात्र की एकता और सौहार्द्र की सीख देते हैं। अहिंसा और प्रेम हर धर्म के मूल में हैं। समाज का कोई भी धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वी‌कृ‌ति नहीं देता।’ सद्भावना सेवा संस्‍थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के तत्वावधान में हुए “सामाजिक, धार्मिक परिदृश्यः परिवर्तन और जिम्मेदारियां” विषयक सेमिनार में आए विचारों का लब्बोलुआब करीब-करीब यही था।
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