बीसीसीआई ने अपने नए अध्यक्ष के चयन के लिए 4 अक्तूबर को आमसभा की विशेष बैठक बुलाई है जिसमें नागपुर के वकील शशांक मनोहर सभी की पसंद के उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के निधन के बाद नए अध्यक्ष के चयन की अटकलें तेज हो गई हैं। बोर्ड के लिए हालांकि नए अध्यक्ष का चुनाव आसान तो नहीं होगा, लेकिन इस पद के लिए राजीव शुक्ला, गौतम राय और दिल्ली के सी. के. खन्ना के नाम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।
मनोज की कविताओं में समाज के विविध रंग दिखाई पड़ते हैं। परिवार के प्रति चिंता या अपनों की देखरेख की चिंता भी मनोज शब्दों में ऐसे बांधते हैं कि हर किसी को वह दुख साझा लगता है। सन 2008 के प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार के बाद भारतीय भाषा परिषद से तथापि जीवन नाम से काव्य संग्रह। कविताएं लिखने के अलावा अनुवाद के काम में संलग्न रहते हैं।
क्या हो यदि सार्वजनिक स्थान पर कचरे को निर्धारित जगह यानी डस्टबिन में डाला जाने लगे। कितना अहमकाना सवाल है। जाहिर है सभी जगह साफ-सफाई रहने लगेगी। लेकिन ऐसा कम ही लोग करते हैं। लेकिन यदि सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन में कचरा फेंकने के एवज में मुफ्त वाईफाई की सुविधा मिलने लगे तो सोच कर देखिए माहौल कैसा हो जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के धर्मपुर में भारी बारिश के कारण हुए हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत होने का मामला सोमवार को लोकसभा में उठाते हुए भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने केंद्र की अपनी ही पार्टी की सरकार पर जमकर निशाना साधा।
काले धन पर गठित सुप्रीम कोर्ट की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने तीसरी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि क्रिकेट में सट्टेबाजी खत्म करने के लिए कड़े नियम लागू करने होंगे। वहीं, खेल की छवि साफ सुथरी बनाने के प्रयास के तहत बीसीसीआई ने सभी बोर्ड सदस्यों को सूचित किया है कि वे एक करार पर हस्ताक्षर करें जिसमें उन्हें घोषणा करनी होगी कि संबंधित क्रिकेट संघों के पदाधिकारी रहते हुए उनका कोई हितों का टकराव नहीं होगा।
श्रीलंका दौरे पर टेस्ट सीरीज के लिए गुरुवार को भारतीय टीम घोषित हो गई है। टीम में हरभजन सिंह, इशांत शर्मा और अमित मिश्रा की वापसी हुई है जबकि रविंद्र जडेजा को टीम में जगह नहीं मिली है। टीम की कमान विरोट कोहली के हाथों में रहेगी।
माहवारी का दर्द महिलाएं ही जान सकती हैं। और इस दौरान कपड़ों पर लगे दाग की परेशानी तो उनके लिए सिरदर्द ही होती है। एक सर्वेक्षण बताता है कि लगभग हर तीसरी महिला माहवारी आने वाले दिनों में अपने कपड़े पहनने में बदलाव करती हैं। यानी वे ऐसे कपड़े पहनना पसंद करती हैं जिन पर यदि अचानक माहवारी शुरू हो जाए तो दाग दिखाई न दे।