पाकिस्तान के लेग स्पिनर यासिर शाह को पिछले साल डोप परीक्षण में विफल रहने पर गलती स्वीकार करने के बाद तीन महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने इस कार्रवाई की जानकारी दी।
‘सही रास्ते पर आ जाइये। हम आपको दूसरी पारी नहीं खेलने देंगे।’ सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश क्रिकेट के ‘दादाओं’ की गर्दनों पर धारदार तलवार साधने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट की यह चेतावनी बिल्कुल ठीक है।
निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज डीडीसीए मामले में मोदी सरकार को भी घसीटते हुए कहा कि वह सरकार के अलावा वित्त मंत्री अरूण जेटली के विरूद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। आजाद ने दावा किया कि सीबीआई अब भी पिंजड़े का तोता ही है।
विराट कोहली के कैरियर की सर्वश्रेष्ठ पारी के बाद गेंदबाजों के प्रभावी प्रदर्शन से भारत ने सीरीज के पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में आज आस्ट्रेलिया को 37 रन से हराकर तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।
प्रतिबंधित पाकिस्तानी स्पिनर दानिश कनेरिया ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह अपने मामले को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के समक्ष उठाने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की मदद लेना चाहते थे।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के साथ अब टेनिस में भी। मैच फिक्सिंग के आरोपों की पुष्टि खिलाड़ियों से हो रही है। विश्व के शीर्षस्थ टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने स्वीकारा कि आस्ट्रेलियाई ओपन के शुरुआती दिनों में उनसे मैच फिक्सिंग के लिए संपर्क हुआ था।
विराट कोहली वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 24 शतक बनाने के साथ-साथ सबसे तेज 7 हजार रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने ये दोनों कारनामे सिर्फ 161 पारियों में कर दिखाए। कोहली के शानदार शतक की मदद से भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में खेले जा रहे तीसरे एक दिवसीय क्रिकेट मैच में 296 रन का लक्ष्य रखा है।
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि अब एकदिवसीय क्रिकेट में भी गुलाबी गेंद का उपयोग शुरू कर देना चाहिए क्योंकि सफेद गेंद से गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिल रही है।
देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा खुद मानते हैं कि स्कूल के बाद क्रिकेट में उनकी ज्यादा रुचि नहीं रही। बतौर न्यायाधीश उन्होंने सिर्फ दो मैच खेले और एक मैच में क्षेत्ररक्षण के दौरान अपना अंगूठा तुड़वा बैठे। लेकिन भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के तौर पर क्रिकेट में अपनी नई पारी से वह उत्साहित हैं और इसमें कई महत्वपूर्ण सुधार की सिफारिश की है। लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों से सत्ता पर काबिज कुछ लोगों के अहं को भी ठेस लगी है। उषिनोर मजुमदार को दिए एक इंटरव्यू में न्यायमूर्ति लोढ़ा ने खुलकर बताया कि क्यों क्रिकेट की जागीर प्रथा खत्म होनी चाहिए और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए। पेश है बातचीत के मुख्य अंश: