सर्वोच्च न्यायालय ने आज मादक पदार्थों की तस्करी और उसके धंधे पर रोक लगाने के लिए कानून अथवा नियम बनाने की मांग कर रही एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति जे एस खेहर, न्यायमूर्ति एन वी रमना एवं न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह से तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
घरों के शौचालयों और रसोईघर से निकलने वाले जैविक अपशिष्टयुक्त घरेलू कचरे ऊर्जा का एक स्रोत सिद्ध हो सकते हैं और वैज्ञानिकों ने कहा है कि भूखे बैक्टीरिया का इस्तेमाल कर इससे ऊर्जा पैदा की जा सकती है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गंगा में अपशिष्ट पदार्थों के उत्सर्जन पर रोक लगाने के लिए कानपुर में गंगा के तट पर स्थित चमड़ा कारखानों को किसी दूसरी जगह स्थानांतरित करने के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि वह राजा की तरह व्यवहार नहीं कर सकती।
पंजाब में मादक पदार्थों के अवैध धंधे का सत्ता की राजनीति पर गहरा असर है। यह दोष केवल वर्तमान सत्तारूढ़ दल और सरकार का नहीं है। लगभग तीन दशकों के दौरान जहर की तस्करी और उससे होने वाली अवैध कमाई ने संपूर्ण व्यवस्था को तबाह किया। पंजाब-हरियाणा में अन्य राज्यों की तरह शराब के ठेकों से सरकारी खजाने में बड़ी आमदनी होती है। खजाना भरने के लिए ठेके और शराब की खपत बढ़ती गई। हरियाणा की स्थापना के बाद पहले तो पर्यटन स्थलों पर सरकार ने ही पब और राजमार्गों पर शराब के ठेकों को बढ़ावा दिया। फिर अति उत्साही आदर्शवादी कहलाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी लागू की। लेकिन जल्द ही अवैध धंधे, जहरीली शराब से लोगों के मरने की नौबत आने पर सरकार ने फैसला बदल दिया।
फिलीपीन के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने देश के 150 से ज्यादा न्यायाधीशों, महापौरों, सांसदों, पुलिस एवं सैन्य कर्मियों को अवैध नशीले पदार्थों से जुड़ा हुआ बताया। राष्ट्रपति ने नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार की इस महामारी के खिलाफ युद्ध छेड़ते हुए इन सभी लोगों को जांच के लिए आत्मसमर्पण करने को कहा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को कहा कि आतंकवाद, तस्करी और मादक पदार्थों से जुड़ी गतिविधियां एक दूसरे से जुड़ी हैं और देश के सामाजिक जीवन को तबाह करने वाली इन बुराइयों की कड़ियों को तोड़ने के लिए समन्वित प्रयास जरूरी हैं।
करोड़ों खर्च के बावजूद यमुना की सफाई दूर की कौड़ी, केंद्र सरकार की रीति-नीति सर्वाधिक दुखदायी यमुनोत्री से निकली यमुना दिल्ली पहुंचते ही दम तोड़ देती है और यहां से आगे चलता है दिल्ली का मल मूत्र और अपशिष्ट। दिल्ली क्षेत्र में यमुना के 22 किलोमीटर के सफर में राज्य के 18 बड़े नाले उसे नदी से बड़ा नाला बना कर उत्तर प्रदेश की ओर रवाना करते हैं।