पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के तीन साल पहले अपहृत हुए बेटे को अमेरिकी और अफगानिस्तानी सेनाओं द्वारा चलाए गए एक संयुक्त अभियान के तहत मंगलवार को अफगानिस्तान से बरामद कर लिया गया। गिलानी के बेटे को तीन साल पहले संदिग्ध तालिबान आतंकियों द्वारा अपहृत कर लिया गया था।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) प्रमुख बान की मून ने बुधवार को अमेरिका, चीन और परमाणु हथियार से लैस अन्य राष्ट्रों से अनुरोध किया है कि वह सीटीबीटी में सुधार कर परमाणु हथियारों के परीक्षण के पागलपन को अंतत: समाप्त करें। इस साल सितंबर में सीटीबीटी के 20 साल पूरे होने वाले हैं।
घरेलु रसोई गैस (एलपीजी) का आयात बढ़ाकर दोगुना करने की योजना बनाई है भारत सरकार ने। अगले तीन साल में 165 लाख टन एलपीजी मंगाई जाएगी। देश में रसोई गैस की बढ़ती मांग को लेकर आयात का यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी तक पश्चिम एशिया के देशों से एलपीजी का आयात किया जाता रहा है। अब बांग्लादेश और ईरान से अतिरिक्त जरूरत की आपूर्ति होगी।
काबुल के मध्य में आज तालिबान आतंकियों ने आत्मघाती विस्फोट किया जिसके चपेट में आकर 28 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। विस्फोट के बाद सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच भारी गोलीबारी भी हुई है।
सोशल मीडिया से जागरुकता बढ़नी चाहिए अथवा संकीर्ण विचारों को फैलाया जाए? यह सवाल विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज की ईरान यात्रा के दौरान राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात के दौरान पहनी लिबास पर सोशल मीडिया में चली निरर्थक बहस से उठता है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कल दो दिन की ईरान यात्रा पर रवाना होंगी। उनकी इस यात्रा का मकसद तेल एवं व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में ईरान के साथ सहयोग बढ़ाना है। सामरिक तौर पर काफी अहम माने जाने वाला ईरान एक ऐतिहासिक परमाणु करार के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के खत्म होने के बाद अब पहले की तरह कारोबार बहाल करने के लिए तैयार है।
खुद को भारत का दोस्त बताने वाले अमेरिका ने साल 2005 में अफगानिस्तान के कंधार और जलालाबाद में भारतीय दूतावासों की संयुक्त निगरानी का प्रस्ताव पाकिस्तान के सामने रखा था।
भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अनेक हिस्सों में आज भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए। घबराए हुए लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप विज्ञान के राष्ट्रीय केंद्र के अनुसार भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान और पाकिस्तान से सटा हिंदूकुश पर्वतमाला में जमीन से करीब 130 किलोमीटर नीचे था।