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										    लव जिहाद के नाम पर हिन्दू और मुसलमान के बीच जहां कुछ लोग वैमनस्य फैलाने में जुटे हैं, वहीँ महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका दिनों के साथी इमाम अब्दुल कादर बवाज़िर के खानदान के सदस्य पिछली चार पीढ़ी से संप्रदाय और धर्म के बंधनों को तोड़ कर 'वसुधैव कुटुम्बकम' के सिद्धांत को अपने जीवन से प्रस्थापित कर रहे हैं। 										
                                                                                
                                     
                                                 
  
  
  
  
  
  
  
  
  
			 
                     
                    