अभिनेत्री विद्या बालन का कहना है कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय में जो हो रहा है, उसमें कुछ जोड़ना नहीं चाहती हैं, लेकिन महसूस करती हैं कि लोगों को दूसरों की अभिव्यक्ति की आजादी का आदर करना चाहिए।
शनिवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर दुनिया भर के कई लेखकों ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पत्र लिखा है। मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे पर भेजे गए पत्र में लेखकों ने राष्ट्रपति से इसे तत्काल रोकने की अपील की है।
जानी-मानी वकील इंदिरा जयसिंह द्वारा संचालित एनजीओ का लाइसेंस सरकार ने एफसीआरए का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए स्थायी तौर पर रद्द कर दिया है। संगठन ने इस कार्रवाई को निरर्थक और इसे संविधान के तहत प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला बताया है।
अहम सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर आधारित फिल्म बनाने वाले निर्देशक प्रकाश झा का कहना है कि इस देश में पूरी तरह से राजनीतिक फिल्म बनाना असंभव है, क्योंकि यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को बिहार के नालंदा में कहा कि विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थाओं को खुली अभिव्यक्ति का केंद्र होना चाहिए और वहां वाद-विवाद को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत से उस कानून को निरस्त करने का आह्वान किया है, जिसमें गैर-सरकारी संगठनों को मिलने वाले विदेशी अनुदान को रोकने के प्रावधान हैं।
मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कह दिया कि ‘अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार असीमित नहीं है।’ गंभीर मानहानि के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत दो साल की सजा भी दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रह्मण्यम स्वामी, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल पर दायर मानहानि के मामले की सुनवाई में यह व्यवस्था दी।
प्रख्यात इतिहासकार रोमिला थापर और शिक्षाविद दीपक नैयर सहित जेएनयू के दस प्रोफेसर एमिरेट्स ने विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश कुमार को पत्र लिखा है। शिक्षाविदों ने जेएनयू प्रशासन पर 9 फरवरी को हुए विवादास्पद कार्यक्रम के सिलसिले में छात्रों को कड़ा दंड देकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया है।