Advertisement

Search Result : "अभिव्यक्ति की आजादी"

'अभिव्‍यक्ति की आजादी' व 'लोकतंत्र' दो सबसे बड़े मजाक: करन जौहर

'अभिव्‍यक्ति की आजादी' व 'लोकतंत्र' दो सबसे बड़े मजाक: करन जौहर

हर साल सुर्खियों में रहने वाले जयपुर साहित्‍य उत्‍सव का आगाज इस साल भी एक विवाद के साथ हुआ है। फिल्‍मकार करन जौहर ने अपने बेबाक बयानों से असहिष्‍णुता पर छिड़ी बहस को गरमा दिया है।
पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन का घेराव, रेवती लाल पर हमला

पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन का घेराव, रेवती लाल पर हमला

देश में असहिष्‍णुता और अभिव्‍यक्ति की आजादी को लेकर छिड़ी बहस के बीच बुधवार को दो जाने-माने पत्रकारों पर अलग-अलग किस्‍म के हमले हुए।
1971 के भारत-पाक युद्ध के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल जैकब का निधन

1971 के भारत-पाक युद्ध के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल जैकब का निधन

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध में अद्भुद कुशलता का प्रदर्शन कर दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर कर देने वाले लेफ्टिनेंट जनरल जे एफ आर जैकब का आज निधन हो गया। लेफ्टिनेंट जनरल जैकब ने युद्ध के बाद ढाका में पकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण का रास्ता हमवार किया था। जैकब को बांग्लादेश की आजादी में अहम भूमिका अदा करने के लिए भी याद किया जाता है।
हनीफ मदार की कहानी 'जश्न -ए-आजादी'

हनीफ मदार की कहानी 'जश्न -ए-आजादी'

‘हंस’, ‘वर्तमान साहित्य’, ‘परिकथा’, ‘उद्भावना’, ‘वागर्थ, ‘समरलोक, अभिव्यक्ति, सुखनवर, लोकगंगा, युगतेवर, लोक संवाद और दैनिक जागरण में कहानी प्रकाशित। कहानी संग्रह - ‘बंद कमरे की रोशनी।’ अनेक लेखकों की महत्वपूर्ण कृतियों की दर्जनों समीक्षाओं के अलावा नाट्य समीक्षाएं। नाटक एवं नाट्य रुपांतरण। प्रेमचंद, मंटो, ज्ञानप्रकाश विवेक आदि की कई कहानियों का नाट्य रुपांतरण ‘संकेत रंग टोली द्वारा मंचित। ‘जन सिनेमा द्वारा निर्मित एवं ज्ञानप्रकाश विवेक की कहानी ‘कैद’ पर बनी हिंदी फिल्म के लिए पटकथा एवं संवाद लेखन।
क्या अभिव्यक्ति की आजादी सिर्फ झूठ बोलने के लिए है: जेटली

क्या अभिव्यक्ति की आजादी सिर्फ झूठ बोलने के लिए है: जेटली

डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अरविंद केजरीवाल के ऊपर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसा लगता है कि वह झूठ और बदनामी में भरोसा करते हैं। जेटली ने केजरीवाल पर प्रहार करते हुए कहा कि वह उन्माद की हदें छूने वाली भाषा बोलते हैं।
युद्ध या प्रेम: हम किस चीज से प्यार करें?

युद्ध या प्रेम: हम किस चीज से प्यार करें?

मास्को की मुलाकात कोई औपचारिक इंटरव्यू नहीं थी। न ही यह लुक-छिपकर की गई कोई भेंट थी। बढ़िया बात यह थी कि हमारा मिलना किसी सतर्क, कूटनीतिक, औपचारिक एडवर्ड स्नोडेन से नहीं हुआ। अफसोस की बात यह है कि कमरा नंबर 1001 में हुए मजाकों, हास्य और मसखरेपन को उसी तरह व्यक्त नहीं किया जा सकता।
चेहरे नहीं अभिव्यक्ति पर कालिख

चेहरे नहीं अभिव्यक्ति पर कालिख

देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और बाबरी मस्जिद के खिलाफ उग्र राष्ट्रव्यापी मंदिर आंदोलन चलाने वाले लालकृष्ण आडवाणी का मानना है कि देश में असहिष्णुता का माहौल बढ़ रहा है। यह लोकतंत्र की भावना के विपरीत है। इस टिप्पणी का संदर्भ भी कम दिलचस्प नहीं है।
कुलकर्णी पर स्याही फेंकने वालों को उद्धव ठाकरे ने दी शाबाशी

कुलकर्णी पर स्याही फेंकने वालों को उद्धव ठाकरे ने दी शाबाशी

भाजपा के पूर्व नेता सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर सोमवार को कालिख पोतने वाले शिवसेना कार्यकर्ताओं को उद्धव ठाकरे ने घर बुलाकर शाबाशी दी है।
साहित्‍यकारों की नीयत पर महेश शर्मा ने उठाए सवाल

साहित्‍यकारों की नीयत पर महेश शर्मा ने उठाए सवाल

देश में बढ़ती सांप्रदायिकता और असहिष्णुता के खिलाफ कई साहित्‍यकारों के साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने को केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने गैरजरूरी कार्रवाई करार दिया है। शर्मा ने इन साहित्‍यकारों की पृष्‍ठभूमि और मंशा पर भी सवाल उठाए हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement