बसपा छोड़ लोकतांत्रिक बहुजन मंच का गठन करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा में शामिल हो सकते हैं। मौर्य के भाजपा में शामिल होने की अटकले इसलिए भी तेज हो गई हैं कि मंगलवार को उन्होने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी।
आनंदीबेन पटेल के गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटने संबंधी फैसला लेने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि किसी को बलि का बकरा बना देने से भाजपा स्वयं को राज्य में नहीं बचा पाएगी क्योंकि राज्य के जलने के लिए नरेंद्र मोदी का 13 साल का शासन जिम्मेदार है। गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा, गुजरात के जलने के लिए आनंदीबेन का दो साल का शासन नहीं, बल्कि मोदी शासन के 13 साल जिम्मेदार हैं।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तिथि भले ही घोषित नहीं हुई हो। लेकिन चुनाव आयोग ने ऐसे नेताओं की सूची तैयार करने में जुट गया है जिनका नाम पूर्व में भड़काऊ भाषण देने की सूची में आ गया है।
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटने की पेशकश की है। उन्होंने यह कहते हुए पद छोड़ने की मंशा जताई कि दो महीने के बाद वह 75 वर्ष की हो जाएंगी और ऐसे में पार्टी की नीतियों के तहत वह अपना पद छोड़ देंगी। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर यह घोषणा की है।
भारतीय गेंदबाज अमित मिश्रा ने पहले टेस्ट में भले ही ज्यादा विकेट नहीं चटकाये हों लेकिन इस लेग स्पिनर ने कहा कि उन्होंने एक छोर से वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों पर दबाव बनाकर अपनी भूमिका अच्छी तरह निभायी।
भारतीय जनता पार्टी आजादी की 70वीं वर्षगांठ को पूरे भव्य तरीके से मनाने की तैयारी कर रही है। जिसमें पार्टी के राष्ट्रवादी एजेंडे के साथ-साथ गरीबों के प्रति समर्पण की भावना को प्रदर्शित किया जाएगा।
जीवन के सबसे सुनहरे दौर से गुजर रहे पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देना आसान नहीं। प्रधानमंत्री बनने के बाद भाजपा की पहचान उन्हीं से होती है। मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज सबसे ताकतवर हैं। आज इन्हीं के नाम पर भाजपा चुनाव लड़ती है। कामयाबी का श्रेय भी इन दोनों को मिलता है। दोनों के फैसलों पर शायद ही किसी के पास आवाज उठाने की कूबत है। केंद्र में मोदी सरकार को दो साल हो गए हैं। इस दौरान भाजपा के किसी नेता ने भी मोदी को चुनौती नहीं दी। लेकिन क्रिकेट और बॉलीवुड से आए नेताओं ने मोदी को तवज्जो नहीं दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जब से देश और भाजपा की कमान संभाले हैं तब से पार्टी के 75 साल पार हो चुके बड़े-बुजुर्ग नेताओंं को धीरे-धीरे किनारे किया जा रहा है। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को मार्गदर्शक का दर्जा देकर सक्रिय राजनीति से अलग किया गया। शांता कुमार और यशवंत सिन्हा को भी अलग-थलग कर दिया गया। इसके बाद मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर और सरताज सिंह समेत कुछ अन्य मंत्रियों को राज्य मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया।
नरेंद्र मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल कर देश के प्रधानमंत्री बन गए लेकिन अभी भी राज्यों के विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पीएम मोदी और उनकी भाजपा खुलकर सामने आने में हिचकिचाती है। जब आप देश जीत लेते हैं तो आपको राज्यों को जीतना और आसान हो जाता है। लेकिन भाजपा के साथ ऐसा नहीं है।