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Search Result : "अमित साहनी"

नीतीश का जादू चला, लेकिन सबसे ज्‍यादा सीटें लालू को

नीतीश का जादू चला, लेकिन सबसे ज्‍यादा सीटें लालू को

बिहार विधानसभा चुनाव के अब तक के रुझानों से साफ हो गया है कि शानदार जीत के साथ नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं। महागठबंधन को 178 सीटें मिली हैं जबकि भाजपा नीत एनडीए सिर्फ 58 सीटें हासिल कर पाया है। खास बात यह है कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्‍ट्रीय जनता दल 80 सीटों के साथ बिहार में सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है जबकि नीतीश की जदयू 71 सीटों पर जीती है। पिछली बार 91 सीटें जीतने वाली भाजपा 53 सीटों पर सिमटकर रह गई है।
बिहार से निकली बात दूर तलक जाएगी | नीलाभ मिश्र

बिहार से निकली बात दूर तलक जाएगी | नीलाभ मिश्र

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे राष्ट्रीय राजनीति में भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्थिति को तत्काल कोई खतरा न पहुंचाएं मगर कुछ चीजें तो इसने बिलकुल साफ कर दी हैं। सबसे पहले तो इन नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी के सामने यह सबक रखा है कि समाज को बांटने वाले मुद्दे ज्यादा दूर तक आपका साथ नहीं देते। भाजपा को इस देश में अगर सही मायने में एक दक्षिणपंथी विचारधारा वाली पार्टी बनना है तो उसे सामाजिक विभाजक मुद्दों से परहेज करना चाहिए। एक बार को जनता आपकी दक्षिणपंथी आर्थिक नीतियों को तो सह लेगी मगर सामाजिक विभाजक नीतियों को नहीं। वैसे भारत में आर्थिक दक्षिणपंथी नीतियों के लिए भी जगह कम ही है।
हार के बाद भाजपा में मचा घमासान

हार के बाद भाजपा में मचा घमासान

बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार ने पार्टी के अंदर घमासान मचा दिया है। पार्टी सांसद शत्रुध्न सिन्हा और आरके सिंह को पार्टी से निकालने की मांग होने लगी है वहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के घर पर नेताओं की बैठक में भी एक-दूसरे पर आरोप लगते रहे। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संघ नेताओं से मुलाकात कर हार के कारणों पर चर्चा की।
इन छह चीजों ने तय की हैं बिहार चुनाव की रेखा

इन छह चीजों ने तय की हैं बिहार चुनाव की रेखा

चुुनाव अपने यहां सचमुच उत्सव हैं। चुनाव लडऩे-लड़ाने वालों को छोडक़र सभी इसको इंज्वॉय करते हैं। और बिहार चुनाव तो उत्सवों के समय ही होते रहे। दशहरा, दीपावली- सबको निबटाते हुए चुनाव में भागीदारी का अलग ही आनंद है। बिहार का आदमी थोड़ा हटकर भी होता है। वह अमेरिकी चुनाव को लेकर भी अंदर की खबरें जानता-समझता है। इस मामले में भुच्च बिहारी भी इंटरनेशनल है। इसलिए कोई यह कैसे सोच सकता है कि अपने घर में हो रहे चुनाव के अंदर की खबरें उसके पास नहीं होंगी।
'आप हारिए तो सही, पूरे भारत में पटाखे छोड़े जाएंगे'

'आप हारिए तो सही, पूरे भारत में पटाखे छोड़े जाएंगे'

बिहार चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश में जुटी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान पर खास विवाद खड़ा हो गया है। पूर्वी चंपरण के रक्सौल में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि अगर भाजपा किसी वजह से बिहार चुनाव हार जाती है तो हार-जीत तो पटना में होगी लेकिन पटाखे पाकिस्तान में छोड़े जाएंगे। शाह के इस बयान को बिहार चुनाव में भाजपा की हताशा के तौर पर भी देखा जा रहा है।
बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

पहली बार मैं किसी मामले में अमित शाह से खुद को पूरी तरह सहमत पाता हूं। यह कि बिहार चुनाव केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों और कामकाज पर जनमत संग्रह नहीं है।
इन छह चीजों ने तय की बिहार चुनाव की तस्‍वीर

इन छह चीजों ने तय की बिहार चुनाव की तस्‍वीर

चुनाव अपने यहां सचमुच उत्सव हैं। चुनाव लड़ने-लड़ाने वालों को छोड़कर सभी इसको इंज्वॉय करते हैं। और बिहार चुनाव तो उत्सवों के समय ही होते रहे हैं। बिहार का आदमी थोड़ा हटकर होता है। उसे अमेरिकी चुनाव की भी अंदरुनी जानकारी होती है तो यह कैसे कह सकते हैं कि बिहार में हो रहे चुनाव के अंदर की खबरें उसके पास नहीं होंगी।
महिला से बदसलूकी मामले में अमित मिश्रा गिरफ्तार, जमानत मिली

महिला से बदसलूकी मामले में अमित मिश्रा गिरफ्तार, जमानत मिली

एक महिला के साथ कथित बदसलूकी और गाली गलौच करने के मामले में क्रिकेटर अमित मिश्रा को आज बेंगलुरू पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। करीब तीन घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद मिश्रा की गिरफ्तारी हुई लेकिन बाद में उन्‍हें जमानत पर रिहा कर दिया गया ।
मोदी सरकार पर 'जनमत संग्रह' नहीं है बिहार चुनाव: अमित शाह

मोदी सरकार पर 'जनमत संग्रह' नहीं है बिहार चुनाव: अमित शाह

बिहार चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन और मोदी सरकार पर इसके असर के बारे में पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह का एक महत्‍वपूर्ण बयान सामने आया है, जिसमें उन्‍होंने कहा है कि राज्‍यों के चुनावों को केंद्र सरकार पर जनमत संग्रह नहीं माना जा सकता है।
कल शृंखला बचाने उतरेगा भारत, धोनी की राह में कई मुश्किलें

कल शृंखला बचाने उतरेगा भारत, धोनी की राह में कई मुश्किलें

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कल चेन्नई में होने वाला चौथा एकदिवसीय मैच कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए कई मोर्चों पर चुनौतीपूर्ण साबित होगा। अपने कॅरिअर के सबसे उलझन भरे दौर से गुजर रहे धोनी को तय करना होगा कि बल्लेबाजी क्रम क्या रखा जाए और किन गेंदबाजों के दम पर शृंखला के इस कठिन दौर से उबरा जाए क्योंकि ज्यादातर बल्लेबाज आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं और भारतीय गेंदबाजी की अपनी मुश्किलें हैं।