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कोयला घोटालाः सीवीसी ने अदालत में पेश किए सुझाव

कोयला घोटालाः सीवीसी ने अदालत में पेश किए सुझाव

सीबीआई ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा दिए गए उस सुझाव (रेफरेंस) की प्रति गुरुवार को विशेष अदालत में पेश की जिसके आधार पर कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
अदालत 4 मार्च से 2जी मामले की बहस सुनेगी

अदालत 4 मार्च से 2जी मामले की बहस सुनेगी

विशेष 2जी अदालत 2002 के अतिरिक्त स्पेक्टम आवंटन मामले में अगले महीने से आरोप तय करने के लिए बहस सुनेगी। इस मामले में सीबीआई ने पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष व तीन दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया है।
कोयला घोटाला : हिंडाल्को मामले में सीबीआइ की जांच पूरी

कोयला घोटाला : हिंडाल्को मामले में सीबीआइ की जांच पूरी

सीबीआई ने विशेष अदालत में कोयला ब्‍्लॉक आवंटन से जुड़े एक मामले में अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट पेश कर दी जिस पर 11 मार्च को सुनवाई होगी। इस मामले में पूर्व कोयला सचिव पी सी पारख, हिंडाल्को और अन्य कथित तौर पर संलिप्त हैं।
कौन खरीदेगा प्रधानमंत्री का लखटकिया सूट

कौन खरीदेगा प्रधानमंत्री का लखटकिया सूट

आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने विवादित 10 लाख रुपये के सूट को तिलांजलि देनी ही पड़ी। प्रधानमंत्री के नाम की पट्टी वाले इस सूट की नीलामी प्रधानमंत्री मोदी को मिले 455 तोहफों के साथ हो रही है।
विचाराधीन कैदियों पर अदालत ने जवाब मांगा

विचाराधीन कैदियों पर अदालत ने जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से विचाराधीन कैदियों की रिहाई पर जवाब मांगा है। ये वे कैदी हैं जो अपने ऊपर आरोपों की अधिकतम सजा की आधी अवधि जेल में बिता चुके हैं।
सत्ता के ऊपर ज्ञान, व्यक्तियों के ऊपर विवेक

सत्ता के ऊपर ज्ञान, व्यक्तियों के ऊपर विवेक

चुनिंदा नायकों या खलनायकों की भूमिका पर जरूरत से ज्यादा जोर देने के कारण इतिहास का सम्यक विवेचन नहीं हो पाता। जैसे गांधी, नेहरू, पटेल, जिन्ना और माउंटबेटन पर ज्यादा जोर देने से हमें भारत विभाजन के बारे में कई जरूरी प्रश्‍नों के उत्तर नहीं मिलते। मसलन, देसी मुहावरे में आम जनता को अपनी बात समझाने में माहिर और उनमें आजादी के लिए माद्दा जगाने वाले गांधी अपने तमाम सद्प्रयासों के बावजूद नाजुक ऐतिहासिक मौके पर आम हिंदू-मुसलमान को एक-दूसरे के प्रति सांप्रदायिक दरार से बचने की बात समझाने में क्यों विफल रहे, नोआखली जैसी अपनी साक्षात उपस्थिति वाली जगह को छोडक़र? जिन्ना की महत्वकांक्षा और जिद को कितना भी दोष दें, कलकत्ता और अन्य जगहों का आम मुसलमान क्यों उनके उकसावे पर पाकिस्तान हासिल करने के लिए खून-खराबे पर उतारू हो गया?