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‘बाबरी से जुड़े मौजूदा नेता तो उसके मलबे की पैदाइश हैं’

‘बाबरी से जुड़े मौजूदा नेता तो उसके मलबे की पैदाइश हैं’

बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि के सबसे उम्रदराज मुद्दई हाशिम अंसारी बेहद संजीदा व्यक्ति थे। वह ताउम्र सियासत से दूर रहे। बाबरी मस्जिद से जुड़े बाकी लोगों का कहीं न कहीं सियासत से ताल्लुक रहा है। कोई किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा है तो कोई हिंदु संस्थाओं से।
अयोध्या विवाद के सबसे बुजुर्ग पैरोकार अंसारी के निधन से समाज में दुख की लहर

अयोध्या विवाद के सबसे बुजुर्ग पैरोकार अंसारी के निधन से समाज में दुख की लहर

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के सबसे उम्रदराज पैरवीकार हाशिम अंसारी के बुधवार को हुए निधन से मुसलमानों और हिन्दुओं समेत पूरे समाज में दुख का माहौल है। विवादित ढांचा विवाद के आखिरी मूल वादी अंसारी ने कभी भी मुद्दे को लेकर सियासत नहीं की। सारी जिंदगी मुकदमे की पैरवी में निकाल देने वाले अंसारी को समाज का हर वर्ग और तबका सम्मान की नजर से देखता था।
पूर्व आईपीएस की किताब में दावा, औरंगजेब ने तोड़ा था अयोध्या में राम मंदिर

पूर्व आईपीएस की किताब में दावा, औरंगजेब ने तोड़ा था अयोध्या में राम मंदिर

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या मुद्दा जहां फिर सुर्खियों में है, वहीं एक पूर्व आईपीएस अधिकारी द्वारा लिखी गई किताब में दावा किया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर बाबर के शासनकाल के दौरान नहीं, बल्कि औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ा गया था।
यूपी: बजरंग दल के हथियार प्रशिक्षण शिविर के बचाव में उतरे नाईक

यूपी: बजरंग दल के हथियार प्रशिक्षण शिविर के बचाव में उतरे नाईक

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दक्षिणपंथी संगठन बजरंग दल द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के लिए हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का राज्यपाल राम नाईक ने बचाव किया है। अयोध्या में बजरंग दल के प्रबंधन वाले कुछ विद्यालयों में आयोजित शिविरों में भगवा कार्यकर्ताओं के हाथों में राइफल, हथियार और लाठियों वाले फोटो सोशल मीडिया और खबरिया चैनलों पर प्रसारित होने के बाद यह मामला सामने आया।
चर्चाः कुरुक्षेत्र नहीं काशी के रास्ते रथ | आलोक मेहता

चर्चाः कुरुक्षेत्र नहीं काशी के रास्ते रथ | आलोक मेहता

युग बदल गया है। अब कुरुक्षेत्र में सत्ता के लिए आमने-सामने संघर्ष नहीं होता। सोमनाथ से अयोध्या की रथयात्रा ने भारतीय जनता पार्टी को पहली बार सत्ता दिलाई। सोमनाथ की तरह काशी (बनारस-वाराणसी) भी आजादी के बाद राजनीतिक सत्ता संघर्ष का एक बड़ा केंद्र रहा है।
सिंहस्‍थ में संत गरजे, मोदी को छोड़ो हम नौ नवंबर से बनाएंगे राम मंदिर

सिंहस्‍थ में संत गरजे, मोदी को छोड़ो हम नौ नवंबर से बनाएंगे राम मंदिर

धर्मनगरी उज्‍जैन के सिंहस्‍थ कुंभ में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तिथि तय हो गई है। संतों ने धर्मसंसद में आखिरकार निर्माण पर फैसला कर लिया है। संतों ने गरजते हुए साफ कहा है कि मंदिर निर्माण से मोदी सरकार का कोई लेना देना नहीं है।
अयोध्या पर स्वामी को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से किया इंकार

अयोध्या पर स्वामी को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से किया इंकार

उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या के विवादित स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं की मांग करने वाली भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर जल्द सुनवाई से आज इंकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, आप (स्वामी) महज एक पक्ष हैं और आपकी याचिका दूसरे असंतुष्ट पक्षों के साथ ही सुनी जाएगी।
अयोध्या स्वामित्व विवाद: सुप्रीम कोर्ट से स्वामी को हस्तक्षेप की इजाजत

अयोध्या स्वामित्व विवाद: सुप्रीम कोर्ट से स्वामी को हस्तक्षेप की इजाजत

उच्चतम न्यायालय ने आज भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को अयोध्या मालिकाना विवाद से संबंधित लंबित मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति दे दी। स्वामी ने ढहाए गए विवादित ढांचे के स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिए याचिका दायर की है।
राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले के बाद निर्णय लेगी सरकार: कलराज

राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले के बाद निर्णय लेगी सरकार: कलराज

केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र का कहना है कि सरकार राम मंदिर मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण के संबंध में कोई फैसला करेगी।
राम मंदिर का ताला खुलवाना राजीव का गलत निर्णय था : प्रणब

राम मंदिर का ताला खुलवाना राजीव का गलत निर्णय था : प्रणब

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संस्मरणों पर आधारित किताब, दि टर्बुलेंट ईयर्स:1980-1996 का गुरुवार को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विमोचन किया। किताब में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने की घटना का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने लिखा कि अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर का ताला खुलवाना प्रधानमंत्री राजीव गांधी का गलत निर्णय था। मुखर्जी ने बाबरी विध्वंस को पूर्ण विश्वासघात करार दिया जिसने भारत की छवि नष्ट कर दी।
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