भाजपा नेता विनय कटियार ने दावा किया है कि केंद्र सरकार के इस कार्यकाल में ही राममंदिर बनवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके पहले संसद में कानून लाकर प्रस्ताव पास कराया जाएगा।
अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी के प्रस्तावित म्यूजियम पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव आ गए हैं अब तो भाजपा को राम और अयोध्या याद आएंगे ही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लखनऊ में दशहरा मनाने की योजना पर शिवसेना ने कटाक्ष किया है। शिवसेना ने कहा है कि लखनऊ जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने की घोषणा करें। पार्टी के मुखपत्र की संपादकीय में लिखा है कि प्रधानमंत्री का अगला लक्ष्य पाक अधिकृत कश्मीर और बलूचिस्तान की स्वतंत्रता है। इसलिए अगर मोदी बलूचिस्तान में दीवाली मनाएं तो हमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर राम मंदिर का मुद्दा उठा दिया है। उन्होंने अयोध्या में विवादित जगह परराम मंदिर निर्माण ही बनाए जाने पर जोर दिया है। मोहन भागवत के अनुसार, इस मसले पर कभी भी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विवाद नहीं रहा। कुछ स्वार्थी तत्वों ने इसे राजनीतिक हित साधन के लिए सांप्रदायिक मसला बना डाला है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। शुकवार को राहुल ने अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन किए। साल 1992 में विवादित ढांचा विध्वंस के बाद अयोध्या की यात्रा करने वाले वाले नेहरू-गांधी परिवार के राहुल पहले सदस्य हैं।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर राम मंदिर निर्माण का मामला उठाया है। स्वामी ने सोमवार को राज्यसभा में मांग की कि अयोध्या विवाद पर उच्चतम न्यायालय में रोजाना सुनवाई होनी चाहिए। स्वामी ने सरकार से मांग की कि वह उच्चतम न्याायलय से इसके लिए अनुरोध करे।
बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि के सबसे उम्रदराज मुद्दई हाशिम अंसारी बेहद संजीदा व्यक्ति थे। वह ताउम्र सियासत से दूर रहे। बाबरी मस्जिद से जुड़े बाकी लोगों का कहीं न कहीं सियासत से ताल्लुक रहा है। कोई किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा है तो कोई हिंदु संस्थाओं से।
रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के सबसे उम्रदराज पैरवीकार हाशिम अंसारी के बुधवार को हुए निधन से मुसलमानों और हिन्दुओं समेत पूरे समाज में दुख का माहौल है। विवादित ढांचा विवाद के आखिरी मूल वादी अंसारी ने कभी भी मुद्दे को लेकर सियासत नहीं की। सारी जिंदगी मुकदमे की पैरवी में निकाल देने वाले अंसारी को समाज का हर वर्ग और तबका सम्मान की नजर से देखता था।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या मुद्दा जहां फिर सुर्खियों में है, वहीं एक पूर्व आईपीएस अधिकारी द्वारा लिखी गई किताब में दावा किया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर बाबर के शासनकाल के दौरान नहीं, बल्कि औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ा गया था।