प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में चुनाव प्रचार करते हुए राज्य की कांग्रेस करकार पर जमकर हमला बोला। पीएम ने असम के तीव्र सर्वांगीण विकास का वादा करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई मुख्यमंत्री तरूण गोगोई से नहीं बल्कि कांग्रेस शासित राज्य में गरीबी, भ्रष्टाचार और बर्बादी के खिलाफ है।
असम विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को पार्टी का दृष्टिपत्र जारी किया। अपने दृष्टिपत्र में भाजपा ने वर्तमान मुख्यमंत्री तरुण गोगोई पर घुसपैठ को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए इसे रोकने का वादा किया है।
गूगल मैप पर एंटी नेशनल, सिडिशन, पैट्रियोटिज्म और भारत माता की जय जैसे शब्द सर्च करने पर यूजर को जेएनयू की तरफ निर्देशित किया जाता है जहां के छात्र देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
कर्मचारियों के लिए छह फीसद महंगाई भत्ते (डीए) की किश्त की घोषणा कर केन्द्र सरकार ने चुनावी राज्यों वाली सरकारों पर दबाव बना दिया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केन्द्र की मोदी सरकार की घोषणा से बौखलाई बताई जा रही हैं, क्योंकि वहां सरकारी कर्मचारियों के स्तर पर चुनौतियां ज्यादा हैं। बंगाल सरकार के कर्मचारियों तनख्वाह केन्द्र से अब 54 फीसद कम हो गई है। अब ममता बनर्जी राज्य सरकार के कर्मचारियों को खुश करने का रास्ता ढूंढ रही हैं। यही हाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में भी है। हालांकि, इन राज्यों में तनख्वाहें छह से 12 फीसद ही कम हैं। इसलिए, कर्मचारियों की नाराजगी की चिंता नेताओं को कम है।
हैदराबाद के दौरे पर गए जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के ऊपर एक कार्यक्रम के दैरान जूता ऊछाला गया। एक संगोष्ठी के दौरान जिस समय कन्हैया सभा को संबोधित करने वाले थे उसी समय यह घटना घटी। हालांकि जूता कन्हैया को नहीं लग कर उनतक पहुंचने से पहले ही गिर पड़ा।
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) में विवादित कुलपति अप्पा राव पोडिले के काम पर लौटने के बाद तनाव के बीच जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार बुधवार को हैदराबाद पहुंचे। हालांकि उन्हें संस्थान के भीतर सभा को संबोधित करने की इजाजत नहीं दी गई।
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार से नई दिल्ली में शुरू हो गई। रविवार तक चलने वाली इस कार्यकारिणी में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से दावेदारी की होड़ में सबसे आगे चल रहे अरबपति कारोबारी डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय छात्रों के पक्ष में आवाज उठाते हुए कहा है कि अमेरिका में पढ़ रहे इन भारतीयों छात्रों को डिग्री मिलते ही बाहर नहीं निकाला जाना चाहिए क्योंकि देश को उनके जैसे तेज-तर्रार लोगों की जरूरत है।