मध्य प्रदेश के बाबरी गांव में जन्में बीके हिंदुस्तानी पिता जी की नौकरी की वजह से भिलाई के छत्तीसगढ़ में रहे। वहीं पढ़ाई की और उसे ही अपना कर्मक्षेत्र बनाया। लेकिन जब अपने जन्म स्थान लौटे तो कुछ अलग करने के जज्बे के साथ।
दिल्ली सरकार ने आज एक अहम् फैसला लेते हुए राज्य के स्कूलों में मैनेजमेंट कोटा पूरी तरह से खत्म कर दिया। आम आदमी पार्टी की सरकार के इस फैसले से हर साल दिल्ली के स्कूलों का चक्कर लगाने वाले हजारों अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी।
स्टार बल्लेबाज क्रिस गेल के लिए एक टीवी पत्रकार के साथ लाइव शो क दौरान फ्लर्ट करना मंहगा साबित हुआ। टीवी पर सीधे प्रसारण के दौरान शो की महिला प्रस्तोता के साथ फ्लर्ट करने के लिए गेल पर 7000 डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही गेल द्वारा की गई हरकत को पूरी तरह से सीमा रेखा का उल्लंघन करार दिया गया है।
डीडीसीए विवाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि डीडीसीए मे खिलाड़ियों के चयन के लिए अधिकारी सेक्स की मांग करते थे।
केंद्र सरकार द्वारा नीलाम की गई दाऊद इब्राहिम की संपत्ति खरीदकर सुर्खियों में आए पूर्व पत्रकार और देश सेवा समिति के अध्यक्ष एस. बालाकृष्णन से प्राची पिंगले प्लंबर की बातचीत। पेश हैं कुछ अंश
डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित किया, लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली का एक बार भी नाम नहीं लिया। हालांकि पहले उन्होंने दावा किया था कि जेटली के अध्यक्ष रहते ही इस क्रिकेट संस्था में वित्तीय गड़बडि़यां हुईं।
भारत में भले ही पत्रकारों का उत्पीड़न एक बड़ी समस्या हो मगर पत्रकारों को कैद करने के मामले में कम्युनिस्ट शासन वाला चीन दुनिया में सबसे आगे है। चीन के बाद ईरान और मिस्र का नंबर है।
रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप सम्मिट में देश दुनिया के धनकुबेरों का दो दिवसीय मिलन जयपुर में हुआ। राजस्थान सरकार द्वारा पूंजी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से किए गए इस आयोजन में 300 निवेश करार हुए जिनसे 4 लाख करोड़ का निवेश राज्य में आने की संभावना बनती दिखाई दे रही है। इतना ही नहीं बल्कि इससे ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलने का भी दावा किया जा रहा है। अनुमान है कि रिसर्जेंट राजस्थान के इस आयोजन पर राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपये खर्च किया है। यह खर्च है कोई निवेश नहीं है। जनता की गाढ़ी कमाई का यह पैसा सिर्फ मेहमान नवाजी पर ही खर्च हो गया है। जयपुर की जनता को दो तीन दिन जो असुविधाएं झेलनी पड़ी वह तो अलग ही हैं। लोग पूछ रहे हैं कि जिस मुख्यमंत्री को अपने राज्य की जनता से मिलने तक कि फुर्सत नहीं होती है, कभी-कभार ही सभाओं में उनके दर्शन हो पाते हैं, वह पूंजीपतियों के मध्य कितनी आसानी से उपलब्ध हैं। यह अवसर राजस्थान के उन मतदाताओं को क्यों नहीं मिल पाता है जिन्होंने वोट दे कर प्रचंड बहुमत से उनकी सरकार चुनी है।