प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को बड़ा झटका लगा है। इस अभियान की मुखिया और गुजरात कैडर की आईएएस अधिकारी विजयलक्ष्मी जोशी ने अचानक नौकरी छोड़ने का फैसला किया है।
वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली गुजरात सरकार पर सवाल उठाने वाले आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजीव भट्ट ने कहा कि वह 24 साल की उम्र में एक जुनून के साथ आईपीएस में आए थे और यह आग आज भी उनके अंदर जल रही है। उनका कहना है कि सरकार ने ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने के मनगढ़ंत आरोपों पर एकतरफा जांच कर उन्हें सेवा से हटाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ संजीव भट्ट ने एक कविता के जरिये अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस अंग्रेजी कविता का अनुवाद इस प्रकार है:
मध्य प्रदेश की एक प्रशिक्षु महिला आईएएस अधिकारी ने अदालत में अपने साथ बीते कटु अनुभव को फेसबुक वॉल पर शेयर करके प्रदेश सरकार को सकते में डाल दिया है। प्रदेश सरकार अब इस मसले पर उचित कदम उठाने के लिए हाईकोर्ट से मशविरा करने का मन बना रही है।
शासन-प्रशासन की खामियों को छिपाने के लिए यूं तो सरकारें गाहे-बगाहे प्रयास करती रहती हैं मगर ऐसा प्रयास दबे-छिपे ही किया जाता रहा है। कभी किसी सरकार ने शासन की खबरों को मीडिया तक पहुंचने के लिए ऐसा रास्ता नहीं अपनाया कि सरकारी विभागों में मीडिया को ही एक तरह से बैन कर दिया जाए।
खेल मंत्रालय बैडमिंटन की युगल जोड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा को लक्ष्य ओलंपिक पोडियम (टॉप) कार्यक्रम में शामिल करने के लिये तैयार है। हालांकि मंत्रालय ने राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद के प्रति अपना पूरा समर्थन जताया जिन पर इस महिला युगल जोड़ी ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। मंत्रालय के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि ज्वाला और अश्विनी को टॉप खिलाडि़यों की अगली सूची में शामिल कर लिया जाएगा।
अमेरिका में हो रहे स्वास्थ्य सम्मेलन में अमृता पहली ट्रांसजेंडर हैं जो शिरकत करेंगी। वह वहां इस समुदाय की स्वास्थ्य परेशानी पर रोशनी डालेंगी। वह कहती हैं हमें समाज से बस थोड़ा सा प्यार और सम्मान चाहिए
केंद्र सरकार ने गुजरात के चर्चित इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में खुफिया ब्यूरो (आईबी) के पूर्व अधिकारी राजेंद्र कुमार और उनके तीन सहयोगियों पर मुकदमा चलाने की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की मांग को मानने से इंकार कर दिया है। इससे मामले की जांच पर ब्रेक लग सकता है।
दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत वर्ष 2002 का 100 करोड़ रुपये का कथित सीएनजी फिटनेस घोटाला मामला फिर खोल दिया है जिसमें शीला दीक्षित सरकार के तहत काम कर चुके तीन शीर्ष अधिकारी आरोपों के घेरे में हैं।