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Search Result : "आईपीएस अमिताभ ठाकुर की कविता"

‘कनहर’ पर कहरः पुलिस की गोली से छलनी आदिवासी

‘कनहर’ पर कहरः पुलिस की गोली से छलनी आदिवासी

सोनभद्र में 38 वर्षों से लंबित कनहर सिंचाई परियोजना को लेकर डूब क्षेत्र के ग्रामीणों और जिला प्रशासन में खूनी संघर्ष। प्रशासन ने की परियोजना स्थल की नाकाबंदी। धरनारत ग्रामीणों पर हुई गोलीबारी की जांच करने पहुंचे स्वतंत्र जांच दल को परियोजना निर्माण समर्थकों ने दो घंटे तक बनाया बंधक।
छुट्टियों की राजनीति

छुट्टियों की राजनीति

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार विभिन्न जयंतियों पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा के जरिये सियासी रंग देने में जुटी है।
ठाकुर पर कार्रवाई नहीं करेगा बीसीसीआई

ठाकुर पर कार्रवाई नहीं करेगा बीसीसीआई

बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर की चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान संदिग्ध सटोरिये के साथ तस्वीर आने के मामले में आईसीसी द्वारा बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया को भेजे गए पत्र पर बोर्ड संभवत: कार्रवाई नहीं करेगा।
श्रीनिवासन पर ठाकुर का पलटवार

श्रीनिवासन पर ठाकुर का पलटवार

रविवार को जहां एन श्रीनिवासन के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल ने बीसीसीआई के सचिव और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की कथित सटोरिये के साथ करीबी पर सवाल उठाए थे और बीसीसीआई से इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी वहीं सोमवार को ठाकुर ने इस मसले पर श्रीनिवासन पर पलटवार किया है।
भारत में भूकंप से 66 लोग मरे, कई घायल

भारत में भूकंप से 66 लोग मरे, कई घायल

शनिवार को आए भूकंप से भारत में कुल 66 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। बिहार में 51, यूपी में 9 और पश्चिम बंगाल में 3 लोग मारे गए हैं। पश्चिम बंगाल के मालदा में स्कूल की इमारत ढहने से 40 बच्चे घायल हो गए।
विरह में दो मंत्र

विरह में दो मंत्र

सर्वेश सिंह की कविताएं आध्यात्म और वास्तविक जीवन के ईद-गिर्द खूबसूरत ताना-बाना बुनती हैं। उनके द्वारा लिखे गए कई लेखों पर तीखी बहसें भी हुई हैं। उनकी कहानी ज्ञान क्षेत्रे, कुरूक्षेत्रे को बहुत सराहना मिली थी। सर्वेश फिलवक्त डीएवीपीजी कॉलेज, बनारस में हिंदी विभागाध्यक्ष हैं।
रामदेव का कैबिनेट दर्जा लेने से इनकार

रामदेव का कैबिनेट दर्जा लेने से इनकार

योग गुरु रामदेव ने मंगलवार को हरियाणा सरकार की ओर से की गई कैबिनेट मंत्री के दर्जे की पेशकश को ठुकराते हुए कहा कि वह मंत्री पद के आकांक्षी नहीं हैं और बाबा ही रहना चाहते हैं।
कविता - सुशील उपाध्याय

कविता - सुशील उपाध्याय

उपाध्याय उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्याल में प्राध्यापक हैं। अध्यापन से पहले वह प्रखर पत्रकार रह चुके हैं। अमर उजाला और हिंदुस्तान अखबार में काम करते हुए उन्होंने रिपोर्टिंग के क्षेत्र में जो भी विविधताएं महसूस कीं उन्हें बाद में कविता में ढाला। उनकी खबरों की समझ और कविता की संवेदना मिल कर जो काव्य पैदा करती है, वह कविता को नई भाषा देती है।
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