सरकार ने आज टैक्स के मामले में अहम फैसला करते हुए 18 लाख छोटे कर बकायेदारों को बड़ी राहत दी है। आयकर विभाग ने 100 रुपये तक के अब तक के सभी कर बकायों को माफ करने का फैसला किया है।
दुनिया भर में आर्थिक क्षेत्र में एक बेहतर निवेश संभावनाओं वाले देश के रूप में अपनी पहचान बना चुके भारत के मामले में एक रोचक तथ्य यह भी है कि यहां प्रत्येक 100 मतदाताओं में से केवल सात ही करदाता हैं। इसके आधार पर कहा जा रहा है कि दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में राजकोषीय लेकतंत्र विकसित नहीं हो सका है।
कंपनी कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा के दो साल बाद सरकार ने आज कहा कि इस तरह की कोई भी कटौती तभी हो सकती है जब व्यक्तिगत आयकर में अच्छी वृद्धि दर्ज होने लगेगी और ज्यादा से ज्यादा लोग आयकर देने लगेंगे।
सरकार ने कहा कि उसने ऐसे 18 लाख लोगों की पहचान कर ली है, जिन्हें नोटबंदी का सरकारी फरमान जारी होने के बाद के सप्ताहों में किए गए बड़े कैश लेनदेन के स्रोत की जानकारी देनी होगी। यह कदम इनकम टैक्स विभाग के ऑपरेशन क्लीन मनी/स्वच्छ धन अभियान कार्यक्रम के तहत उठाया जाएगा।
व्यक्तिगत आयकरः 3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
व्यक्तिगत आयकर की दर 2.5 लाख से 5 लाख की कर दर 5 फीसदी, पहले यह 10 फीसदी थी
पांच लाख तक आय वाले लोगों के लिए एक पेज का आयकर रिटर्न
सस्ती आवास योजना के प्रवर्तकों हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में घोषित लाभ-संबद्ध आयकर छूट योजना को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए संसद में आम बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज उक्त योजना में कई महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए।
आयकर विभाग ने कालाधन रखने वाले लोगों को चेतावनी दी कि उनकी अघोषित संपत्ति उसकी नजर से छिपी हुयी नहीं है और इसके साथ ही विभाग ने उन्हें सलाह दी कि वे अपनी जमा राशि के संबंध में मौजूदा एकमुश्त खुलासा योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना :पीएमजीकेवाई: का लाभ उठाएं।
नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गई राशि की जांच पड़ताल में सरकार को करीब तीन से चार लाख करोड़ रुपये की आय में कर चोरी का पता चला है। यह राशि नोटबंदी के बाद 500, 1,000 रुपये के पुराने नोट जमा कराने की 50 दिन की अवधि में जमा कराई गई।
आर्थिक विशेषज्ञों का सुझाव है कि नोटबंदी के झटके से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये आगामी बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए। बाजार में मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ-साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जानी चाहिये।
आयकर कानून को सरल बनाने के लिए बनी उच्चस्तरीय समिति की अगुवाई करने वाले न्यायमूर्ति आरवी ईश्वर ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को अपनी दूसरी रिपोर्ट सौंप दी। आयकर कानून 1961 के विभिन्न प्रावधानों के सरलीकरण के बारे में सुझाव देने के लिये 27 अक्टूबर 2015 को न्यायमूर्ति ईश्वर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।