दुनिया भर में आर्थिक क्षेत्र में एक बेहतर निवेश संभावनाओं वाले देश के रूप में अपनी पहचान बना चुके भारत के मामले में एक रोचक तथ्य यह भी है कि यहां प्रत्येक 100 मतदाताओं में से केवल सात ही करदाता हैं। इसके आधार पर कहा जा रहा है कि दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में राजकोषीय लेकतंत्र विकसित नहीं हो सका है।
भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित पाकिस्तान के नये विदेश सचिव बनने वाले हैं। समाचार पत्र द न्यूज के अनुसार नवाज शरीफ सरकार ने बासित को देश का नया विदेश सचिव बनाने का सैद्धांतिक तौर पर फैसला कर लिया है। बासित एजाज अहमद चौधरी का स्थान लेंगे जो अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत बनने जा रहे हैं। (एजेंसी)
राजनीतिक दलों पर बेनामी नकद चंदे की सीमा 20,000 रुपये से घटा कर 2,000 रुपये तक सीमित करने के बाद सरकार ऐसा कानूनी संशोधन करने जा रही है जिसके तहत उन्हें हर साल दिसंबर तक आय का विवरण विभाग में दाखिल करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने उन्हें मिली कर छूट खत्म हो जाएगी।
कांग्रेस ने कहा कि आर्थिक समीक्षा भारतीय अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति को दर्शाती है और सरकार इसके समक्ष पेश समस्याओं का फौरी या दीर्घकालिक समाधान खोजने में विफल रही है।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपेक्षाकृत निम्न मुद्रास्फीति दर, राजकोषीय अनुशासन तथा व्यापक रूप से स्थिर रुपया-डॉलर विनिमय दर के साथ मामूली चालू खाता घाटे के साथ एक सूक्ष्म आर्थिक वातावरण बनाए रखा है। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली आज संसद में प्रस्तुत आर्थिक समीक्षा 2016-17 में कहा गया है कि वर्तमान में जारी वैश्विक मंदी के बावजूद यह मजबूती बनी रही है। आर्थिक समीक्षा की कुछ खास बातें इस प्रकार की हैं।
नोटबंदी को भाजपा नीत केंद्र सरकार का आर्थिक जुआ करार देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू ने कहा कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव के नतीजे इस योजना की सफलता की असली परीक्षा होंगे।
सरकार ने नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था में नरमी आने की चिंताओं को खारिज कर दिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर अवधि में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर वसूली में अच्छी वृद्धि हुई है। इससे विनिर्माण क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ने का संकेत मिलता है।
प्रसिद्ध विकास अर्थशास्त्री ज्यां ड्रेज ने कहा है कि नोटबंदी का वंचित तबके विशेषरूप से दिहाड़ी मजदूरों पर काफी गंभीर असर होगा। यह प्रभाव कहीं अधिक बुरा तथा अनुमान से अधिक समय तक बना रहेगा।