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Search Result : "आवाज जोड़िए"

अमृता राव भी टीवी की ओर

अमृता राव भी टीवी की ओर

मेरी आवाज ही पहचान है, टीवी धारावाहिक से अभिनेत्री अमृता राव छोटे परदे पर कदम रखने जा रही हैं। यह उनका पहला टीवी धारावाहिक है। दो गायक बहनों के जीवन पर बने इस धारावाहिक का लंबे समय से दर्शकों को इंतजार है।
विकासशील देशों से उठी आवाज, हमारी दुनिया तुम्हारे बिक्री नेटवर्क के लिए नहीं

विकासशील देशों से उठी आवाज, हमारी दुनिया तुम्हारे बिक्री नेटवर्क के लिए नहीं

जिनेवा में विश्व व्यापार संगठन की अहम बैठक से पहले विकासशील देशों में चल रहा समर्थन जुटाने का अभियान एक पत्र के जरिए जो ऐलान करता पत्र विकासशील देशों में आवाम की बुलंद आवाज
आवाज बदलेंगे इमरान हाशमी

आवाज बदलेंगे इमरान हाशमी

सीरियल किसर, किसिंग बॉय जैसे नामों से नवाजे जाने वाले इमरान हाशमी कुछ नया करना चाहते हैं। इमरान अपनी आने वाली फिल्म राज रीलोडेड में चैलेंजिंग किरदार निभाते हुए दिखेंगे।
कवर स्‍टोरी: डूबा अखबार ले रहा कांग्रेस की खबर

कवर स्‍टोरी: डूबा अखबार ले रहा कांग्रेस की खबर

बताया जाता है कि जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में अपने शुरू किए गए अखबार नेशनल हेराल्ड के कर्मचारियों से एक बार कहा था, हमें बनियागिरी नहीं आई। यदि सुब्रह्मण्यम स्वामी की कोशिशें सिरे चढ़ीं तो माना जाएगा कि शायद नेहरू के उत्तराधिकारी इस कला को सीख चुके हैं।
ये एप देगा आपके डायलॉग को स्टार की आवाज

ये एप देगा आपके डायलॉग को स्टार की आवाज

मेगा स्टार अमिताभ बच्चन या किंग खान शाहरूख खान या बॉलीवुड के दंबग सलमान खान आपके डायलॉग बोलें तो कैसे लगेगा? जरूर मजा आएगा। आपकी यह तमन्ना मोबाइल एप येडब (yedub) पूरी करेगा। येडब पहला ऐसा एप है, जहां स्टार यूजर के डायलॉग को अपनी आवाज देते हैं।
इंद्राणी ने दी आवाज के नमूने की जांच पर सहमति

इंद्राणी ने दी आवाज के नमूने की जांच पर सहमति

शीना बोरा हत्या मामले की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी आवाज के नमूने के परीक्षण के लिए आज एक अदालत में अपनी सहमति दे दी। इंद्राणी ने अदालत से कहा, मैं परीक्षण के लिए सहमति देती हूं।
असहिष्‍णुता के खिलाफ अब इतिहासकारों ने उठाई आवाज

असहिष्‍णुता के खिलाफ अब इतिहासकारों ने उठाई आवाज

देश में अत्यंत खराब माहौल से उत्पन्न चिंताओं पर कोई आश्वासनकारी बयान न देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आज 50 से अधिक इतिहासकारों ने आवाज उठाई। दादरी और कलबुर्गी की हत्या जैसी घटनाओं पर लेखकों, कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और वैज्ञानिकों के बाद अब देश के इतिहासकारों ने भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई ।
लोकतंत्र का तकाजा है कि लेखक आवाज उठाएं

लोकतंत्र का तकाजा है कि लेखक आवाज उठाएं

पिछले कई वर्षों से हमारे देश में जो होता रहा है उसने सृजन-समुदाय को लगातार बेचैन किया हैः अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सांस्कृतिक और धार्मिक बहुलता, सामाजिक समरसता पर संगठित प्रहार बहुत बढ़ गए हैं। राजनीति, धर्म और बाजार ने मिलकर, अपनी सभी मर्यादाएं छोड़कर, बेहद व्याप्ति अर्जित कर ली है। असहमति की जगह और अवसर सिकुड़ रहे हैं और पचास से अधिक वर्षों के परिपक्व लोकतंत्र में असहमति को देशद्रोही करार दिया जा रहा है।
ये तुम्हारे गले में किसकी आवाज है हार्दिक?

ये तुम्हारे गले में किसकी आवाज है हार्दिक?

गुजरात में अराजकता का नया चेहरा उभरकर सामने आया है जिसकी भाषा तोगड़िया सी है और कार्यशैली केजरीवाल जैसी। जो बंदूक और रिवॉल्वर से प्यार करता है और जिसके समर्थक ओडी तथा मर्सिडीज में बैठकर आरक्षण मांगने आते हैं। कानून उनके लिए कुछ भी नहीं है, अगर उन्हें मनमानी करने से रोका जाता है तो दंगा-फसाद से भी परहेज नहीं करते हैं।
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