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आसमान में दिखा संदिग्ध गुब्बारा, वायुसेना ने मार गिराया

आसमान में दिखा संदिग्ध गुब्बारा, वायुसेना ने मार गिराया

राजस्थान के बाड़मेर में मंगलवार को एक गुब्बारे जैसी संदिग्ध वस्तु के आसमान में उड़ते देखे जाने से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। जिसके बाद आनन फानन में वायुसेना ने सुखोई विमान से उस संदिग्ध वस्तु को मार गिराया। हालांकि मिली जानकारी के अनुसार सुखोई से मिसाइल दागे जाने के क्रम में कुछ विस्फोटक नीचे गांव में गिर गए जिससे वहां धमाका होने से अफरा-तफरी मच गई। वहीं बाड़मेड़ के ही दो अन्य गांवों में रहस्यमयी धमाकों की आवाज सुनी गई। स्थानीय पुलिस घटना की जांच कर रही है।
हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

संघर्ष का नाम जनकवि रमाशंकर 'विद्रोही' नहीं रहे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले दो दशकों में आने वाले हजारों छात्र उनकी कविता सुनकर संघर्ष करना सीखे होंगे। 'आसमान में धान बोने वाला' ये निर्भीक कवि संघर्ष करते हुए ही मरा। सोशल मीडिया पर विद्रोही की कविताओं का उत्सव सा जारी है। आंदोलनों में उनकी कविताएं गूंजती रहती हैं लेकिन उनकी चर्चित कविताओं में ‘जब भी किसी गरीब आदमी का अपमान करती है, ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है, कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूं।’, ‘मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगे लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरें, फिर भारत भाग्य विधाता मरें ’, ‘आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाए या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा, तो नूर मियां ही बनाते थे...’ , ‘मैं किसान हूं आसमान में धान बो रहा हूं, कुछ लोग कह रहे हैं कि पगले, आसमान में धान नहीं जमा करता, मैं कहता हूं पगले, अगर जमीन पर भगवान जम सकता है तो आसमान में धान भी जम सकता है।..’ सोशल मीडिया पर इस जनकवि को श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब है-
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