अहमद पटेल और उनके करीबियों को यह पक्का आभास है कि पार्टी के भीतर बन रहे नए केंद्रक के मुताबिक नए तेवर अपनाना जरूरी है। राहुल गांधी के कद को बढ़ाने के लिए भी एक तरफ आम जन के मुद्दों से जुडऩा जरूरी है और दूसरी तरफ कांग्रेस के शीर्ष और निष्प्रभावी नेताओं को किनारे करने के लिए भी रणनीति बनानी जरूरी है। कांग्रेस में दोनों पहलुओं पर विचार तो खूब हो रहा है लेकिन इसका बहुत ठोस फायदा होता दिख नहीं रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठï नेता आजम खान के बीच छत्तीस का आंकड़ा है यह बात अब बिल्कुल ही पक्की हो गई। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के पोते के तिलक समारोह में आजम तभी पहुंचे जब मोदी वहां से निकल गए।
कल अनूप सिंह निर्देशित फिल्म किस्सा रीलीज हो रही हैं। फिल्म के निर्देशक का कहना है कि वह ऋत्विक घटक से काफ़ी प्रभावित हैं। भले ही यह फिल्म बड़े बजट की न हो लेकिन इसमें अच्छे कलाकार काम कर रहे हैं।
बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरूख खान ने आज कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा ‘लैंगिक और धार्मिक समानता’ विषय पर दिए गए भाषण में उनका जिक्र किए जाने से वह बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
पीके फिल्म के नाम पर जितनी चिल्ला चोट हो सकती है हो रही है। बैनर-पोस्टर आग के हवाले किए जा रहे हैं। टेलीविजन चैनल पर बहस का बाजार गरम है। यह फिल्म के विषय पर बहस न होकर केसरिया-हरे की बहस हो कर रह गई है।
उस कदर प्यार से ऐ जाने जहां रखा है
दिल के रुखसार पे इस वक्त तेरी याद ने हाथ
अक्सर हमारी तनहाइयों में लरजां रहे उनकी आवाज के साये, गो हम कभी इकबाल बानो का दीदार नहीं कर सके और वह चली गई। हालांकि हमारे और इस उपमहाद्वीप के दिल की गहराईयों में वह हमेशा सुलगती रहेंगी। उफक पर चमकती हुई।
सच पूछो तो बानो के सामने, पुरानी कहावत के मुताबिक, हम कभी जनमे ही नहीं क्योंकि हमने उनका लाहौर कभी नहीं वेख्या, हालांकि वह हमारी दिल्ली से ही वहां जा बसी थीं। पर आधुनिक टेक्नोलॉजी का कमाल कहिए कि इकबाल बानो की दमदार आवाज ने इस पार के करोड़ों लोगों की तरह हमारी रगों में भी एक अजीब वक्त की बेडिय़ों में जकड़े लाहौर की जुंबिश धडक़ाई थी:
जब जुल्मों सितम के कोहे गरां
रूई की तरह उड़ जाएंगे
हम महकुमूं के पांव तले
ये धरती धड़-धड़ धडक़ेगी
और अहले हुकुम के सर ऊपर
जब बिजली कड़-कड़ कडक़ेगी
हम देखेंगे