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उद्योग जगत की राय,जीएसटी के लिए राजनीतिक सहमति पर ध्यान दे सरकार

उद्योग जगत की राय,जीएसटी के लिए राजनीतिक सहमति पर ध्यान दे सरकार

भारत में उद्योग जगत के अग्रणी नेत्वकर्ताओं ने राय दी है कि लंबे समय से अटके वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार राजनीतिक सहमति बनाने पर ध्यान दे। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी वर्षगांठ पास आने के बीच उद्योग जगत के नेताओं ने सोमवार को कहा कि सरकार को अब जीएसटी पर आम सहमति बनाने और गैर विधायी सुधारों में गति लाने पर ध्यान देना चाहिए।
सोने के आभूषणों पर लगा उत्पाद शुल्क नहीं हटाएगी सरकार

सोने के आभूषणों पर लगा उत्पाद शुल्क नहीं हटाएगी सरकार

सरकार ने सोने के आभूषणों पर लगाए गए एक प्रतिशत के उत्पाद शुल्क को हटाने से इंकार कर दिया है। गुरुवार को सरकार ने कहा कि विलासिता की वस्तुओं को अनिश्चितकाल के लिए कर दायरे से बाहर नहीं रखा जा सकता।
कोहिनूर हीरे का भारत लौटना मुश्किल, सालों पुराना कानून बना अड़चन

कोहिनूर हीरे का भारत लौटना मुश्किल, सालों पुराना कानून बना अड़चन

आज से 43 साल पुराने कानून का हवाला देते हुए केंद्र ने कहा है कि भारत कोहिनूर हीरे को वापस प्राप्त नहीं कर सकता है। इस नियम के तहत उन प्राचीन वस्तुओं को वापस लाने की अनुमति नहीं है, जो आजादी से पहले देश से बाहर ले जाई जा चुकी हैं।
जनवरी में भारत से निर्यात में आई 13.6 प्रतिशत की गिरावट

जनवरी में भारत से निर्यात में आई 13.6 प्रतिशत की गिरावट

भारत के निर्यात में लगातार 14वें माह गिरावट का रुख रहा। वैश्विक मांग नरम रहने के बीच पेट्रोलियम उत्पादों व इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात में तेज गिरावट के चलते जनवरी में देश का निर्यात 13.6 प्रतिशत घटकर 21 अरब डॉलर पर आ गया।
आसमान में दिखा संदिग्ध गुब्बारा, वायुसेना ने मार गिराया

आसमान में दिखा संदिग्ध गुब्बारा, वायुसेना ने मार गिराया

राजस्थान के बाड़मेर में मंगलवार को एक गुब्बारे जैसी संदिग्ध वस्तु के आसमान में उड़ते देखे जाने से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। जिसके बाद आनन फानन में वायुसेना ने सुखोई विमान से उस संदिग्ध वस्तु को मार गिराया। हालांकि मिली जानकारी के अनुसार सुखोई से मिसाइल दागे जाने के क्रम में कुछ विस्फोटक नीचे गांव में गिर गए जिससे वहां धमाका होने से अफरा-तफरी मच गई। वहीं बाड़मेड़ के ही दो अन्य गांवों में रहस्यमयी धमाकों की आवाज सुनी गई। स्थानीय पुलिस घटना की जांच कर रही है।
इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जगदीश कुमार होंगे जेएनयू के नए कुलपति

इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जगदीश कुमार होंगे जेएनयू के नए कुलपति

आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नए कुलपति होंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के भेजे चार नामों में से जगदीश कुमार के नाम को मंजूरी दी है। भाजपा नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी को जेएनयू का वीसी बनाए जाने की अटकलों के बाद यह नियुक्ति चर्चाओं में आ गई थी।
निर्यात में लगातार 13वें महीने गिरावट, दिसंबर में 15% घटा

निर्यात में लगातार 13वें महीने गिरावट, दिसंबर में 15% घटा

केंद्र सरकार की मेक इन इंडिया मुहिम और आर्थिक विकास के तमाम वादे के विपरीत देश के निर्यात में लगातार 13वें महीने गिरावट दर्ज की गई है। वैश्विक मांग में नरमी के बीच दिसंबर 2015 में भारत का निर्यात 14.75 प्रतिशत गिरकर 22.2 अरब डालर रह गया। जबकि व्यापार घाटा बढ़कर चार महीने के उच्‍चतम स्‍तर 11.6 अरब डालर पर पहुंच गया है। जबकि पिछले साल इसी अवधि में व्‍यापार घाटा 9.1 अरब डॉलर था।
इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट कॉलेजों के लिए हो एक प्रवेश परीक्षा

इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट कॉलेजों के लिए हो एक प्रवेश परीक्षा

इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज की अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं के बोझ से छात्रों को निजात दिलाने के लिए एक राष्‍ट्रीय परीक्षा कराने की सिफारिश
मौजूदा सरकार में विज्ञान की नासमझी: पीएम भार्गव

मौजूदा सरकार में विज्ञान की नासमझी: पीएम भार्गव

वह उम्र के उस पड़ाव में हैं, जहां कांपते हाथों के साथ लड़खड़ाती जुबान से लोग अपने बीते दिनों की उपलब्धियों को गिनते-गिनवाते हैं लेकिन उनका मामला अलग है। वह खुद ही पूछते हैं, बताओ मेरी उम्र कितनी है, फिर मेरे मौन को मेरी दुविधा समझकर खुद ही जवाब देते हैं, 86 साल। नहीं लगता न, अगर ये पार्किंसंस (हाथों-पैरों के स्वत: हिलने की बीमारी) न परेशान करता तो शायद बिल्कुल भी न लगता। पुष्प मित्र भार्गव (पी.एम.भार्गव) देश के आला वैज्ञानिक, बायोलॉजिस्ट हैं। उन्हें इस बात की फिक्र है कि अगर देश में जीन संवद्धित (जीएम) फसलों को मंजूरी मिल गई तो इससे किस तरह न सिर्फ पर्यावरण, खेती को नुकसान होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को नुकसान होगा।
एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), यानी भारत के गरीब और आम बीमार आदमी का मक्का-मदीना। देश भर के गरीबों के लिए बड़ी से बड़ी बीमारियों से लड़ने का आखिरी मुकाम। अक्सर यह बड़े नेताओं के इलाज करवाने की वजह से भी चर्चा में रहता है। एक बार फिर इसका चरित्र बदलने की कवायद चल रही है। एक बार फिर इसे रईसों, सुविधा संपन्न बीमारों के लिए चमचमाने की कोशिश हो रही है। यह पूछने की जरूरत नहीं है कि ऐसा आम मरीजों के इलाज और विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए आने वाले पैसे से ही करने की तैयारी है।
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