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भारत में एफएमसीजी सबसे अधिक सेलरी देने वाली इंडस्ट्री : सर्वे

भारत में एफएमसीजी सबसे अधिक सेलरी देने वाली इंडस्ट्री : सर्वे

तेल, साबुन जैसे रोजमर्रा के उत्पादों से जुड़ा एफएमसीजी उद्योग भारत में सबसे ज्यादा वेतन देने वाला उद्योग बनकर उभरा है। इस उद्योग में सभी स्तरों और कामकाज को मिलाकर कंपनियों की औसत सालाना लागत 11.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
सरकार रिलायंस के पंचनिर्णय मामले में ले रही कानूनी सलाह

सरकार रिलायंस के पंचनिर्णय मामले में ले रही कानूनी सलाह

सरकार रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसके भागीदारों द्वारा उसके खिलाफ 1.55 अरब डालर की मांग के संबंध में पंच निर्णय में दायर मामले में अपनी पैरवी के बारे में कानूनी सलाह ले रही है।
नोटबंदी में माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री : कर्ज वसूली 30 और वितरण 70 फीसदी गिरा

नोटबंदी में माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री : कर्ज वसूली 30 और वितरण 70 फीसदी गिरा

पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के बाद माइक्रोफाइनेंस इंडस्‍ट्री को सबसे गहरा धक्‍का पहुंचा है। देश के गांवों और कस्बों को वित्तीय समावेशी बनाने में माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री अहम भूमिका निभाती है। माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की कर्ज वसूली और कर्ज वितरण की रफ्तार लगभग रुक गई है। कर्ज वसूली में 30 फीसदी और वितरण में 70 फीसदी की गिरावट आई है।
राजस्थान: नोटबंदी की मार, दो माह में एक लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान

राजस्थान: नोटबंदी की मार, दो माह में एक लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान

फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) ने नोटबंदी से उत्पन्न स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि अगर यही हालात रहे तो दो माह में एक लाख करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो सकता है।
कड़ी कार्रवाई का समय, अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक असर नहीं: उद्योग जगत

कड़ी कार्रवाई का समय, अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक असर नहीं: उद्योग जगत

उद्योग जगत ने भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार जाकर आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के कदम का पूरा समर्थन करते हुए आज कहा कि यह कड़ी कार्रवाई का समय है।
फ़िल्म उद्योग में और कितने मुबारक बेगम !

फ़िल्म उद्योग में और कितने मुबारक बेगम !

अपने ज़माने की बेहतरीन गायिका मुबारक बेगम दुनिया से विदा हो गईं । 'शो मस्ट गो ऑन' के दर्शन में यक़ीन रखने वाली फ़िल्म इंडस्ट्री की आबोहवा पर उनकी रुख़्साती से कोई फ़र्क़ ना तो पड़ना था और ना ही पड़ा । बेशक आम भारतीय आज भी उनके गीत 'कभी तनहाइयों में यूँ तुम्हारी याद आएगी' में खोए हों मगर फ़िल्म उद्योग ने तो उन्हें वर्ष 1980 में तब ही भुला दिया था जब उन्होंने आख़िरी बार किसी हिंदी फ़िल्म के लिए गाना गाया था ।
मर रहे उद्योगों में जान फूंकेगा ‘मुस्लिम चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’

मर रहे उद्योगों में जान फूंकेगा ‘मुस्लिम चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’

हस्तकला क्षेत्र में भारतीय मुसलमानों का अपना विशेष स्थान है लेकिन वक्त के साथ-साथ शहरीकरण समेत अनेक वजहों के चलते मुसलमान हस्तकला और कुटीर उद्योगों से किनारा कर रहे हैं। इन परंपरागत उद्योगों को जिंदा रखने और मुसलमानों में विभिन्न व्यापारिक गतिविधियों को दिशा देने के लिए ‘दि मुस्लिम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) स्थापना की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय मुसलमानों की व्यापारिक गतिविधियों विशेष रूप से परंपरागत कला संबंधी लघु उद्योगों को मजबूत करना है।
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