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मौजूदा सरकार में विज्ञान की नासमझी: पीएम भार्गव

मौजूदा सरकार में विज्ञान की नासमझी: पीएम भार्गव

वह उम्र के उस पड़ाव में हैं, जहां कांपते हाथों के साथ लड़खड़ाती जुबान से लोग अपने बीते दिनों की उपलब्धियों को गिनते-गिनवाते हैं लेकिन उनका मामला अलग है। वह खुद ही पूछते हैं, बताओ मेरी उम्र कितनी है, फिर मेरे मौन को मेरी दुविधा समझकर खुद ही जवाब देते हैं, 86 साल। नहीं लगता न, अगर ये पार्किंसंस (हाथों-पैरों के स्वत: हिलने की बीमारी) न परेशान करता तो शायद बिल्कुल भी न लगता। पुष्प मित्र भार्गव (पी.एम.भार्गव) देश के आला वैज्ञानिक, बायोलॉजिस्ट हैं। उन्हें इस बात की फिक्र है कि अगर देश में जीन संवद्धित (जीएम) फसलों को मंजूरी मिल गई तो इससे किस तरह न सिर्फ पर्यावरण, खेती को नुकसान होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को नुकसान होगा।
एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), यानी भारत के गरीब और आम बीमार आदमी का मक्का-मदीना। देश भर के गरीबों के लिए बड़ी से बड़ी बीमारियों से लड़ने का आखिरी मुकाम। अक्सर यह बड़े नेताओं के इलाज करवाने की वजह से भी चर्चा में रहता है। एक बार फिर इसका चरित्र बदलने की कवायद चल रही है। एक बार फिर इसे रईसों, सुविधा संपन्न बीमारों के लिए चमचमाने की कोशिश हो रही है। यह पूछने की जरूरत नहीं है कि ऐसा आम मरीजों के इलाज और विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए आने वाले पैसे से ही करने की तैयारी है।
कोल घोटाला: आरएसपीएल, तीन अधिकारियों पर आरोप तय

कोल घोटाला: आरएसपीएल, तीन अधिकारियों पर आरोप तय

एक विशेष अदालत ने मंगलवार को कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में दिल्ली स्थित कंपनी राठी स्टील एंड पावर लिमिटेड (आरएसपीएल) एवं इसके तीन शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए।
पीएम मोदी ने किया भारत-चीन के बीच सौहार्दपूर्ण भागीदारी का आह्वान

पीएम मोदी ने किया भारत-चीन के बीच सौहार्दपूर्ण भागीदारी का आह्वान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और चीन के बीच मजबूत एवं व्यापक साझेदारी पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि दोनों पड़ोसी के बीच सौहार्दपूर्ण भागीदारी एशिया के आर्थिक विकास और राजनीतिक स्थिरता के लिए आवश्यक है।
मोदी छवि प्रबंधकों ने नेपाल में लगाया बट्टा

मोदी छवि प्रबंधकों ने नेपाल में लगाया बट्टा

कष्ट में पड़े लोग सरल हृदय करुणा के स्पर्श की सांत्वना के भूखे होते हैं। आत्मरत चतुराई उनके जले पर नमक छिडक़ती है। यह बात मोदी सरकार के चालाक मीडिया प्रबंधक नहीं समझ पाए। वे यह भी भूल गए कि भारतीय टेलीविजन, खासकर हिंदी टेलविजन, नेपाल के लोग भी देखते और समझते हैं।
भूकंपःभारतीय मीडिया–कंप से भी नाराज नेपाली

भूकंपःभारतीय मीडिया–कंप से भी नाराज नेपाली

नेपाल में भारतीय मीडिया के खिलाफ आक्रोश तेजी से फैलता जा रहा है। नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद वहां पर कवरेज के लिए गए भारतीय मीडिया के रवैये ने एक बड़े हिस्से को बेहद नाराज किया है। यह नाराजगी बाकायदा ट्विटर पर एक अभियान के रूप में सामने आई जिसके तहत एक अकाउंट खोला गया-गो बैक इंडियन मीडिया-और यह कुछ ही घंटों में वायरल हो गया।
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