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दिल्ली को नडाल और फेडरर के मुकाबले का इंतजार

दिल्ली को नडाल और फेडरर के मुकाबले का इंतजार

दिल्ली में कल से शुरू हो रहे इंटरनेशनल प्रीमियर टेनिस लीग (आईपीटीएल) के तीसरे चरण में टेनिसप्रेमियों को दो दिग्गजों रोजर फेडरर और रफेल नडाल के मुकाबले का इंतजार होगा। दोनों का इस सत्र में प्रदर्शन विपरीत रहा है। फेडरर ने जहां प्रभावी प्रदर्शन किया , वहीं नडाल एक भी बड़ा खिताब नहीं जीत सके।
जनगणना के धर्म संबंधी आंकड़े जारी, जाति के लिए अभी इंतजार

जनगणना के धर्म संबंधी आंकड़े जारी, जाति के लिए अभी इंतजार

केंद्र सरकार ने धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए लेकिन अभी जाति आधारित जनगणना के नतीजे नहीं जारी हुए। जबकि कई राजनीतिक दल जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग कर रहे हैं।
मिर्चपुर वालों को धर्मातंरण के लिए 28 का इंतजार

मिर्चपुर वालों को धर्मातंरण के लिए 28 का इंतजार

शनिवार को भगाणा (हरियाणा) के 100 परिवारों के सामूहिक रूप से इस्लाम कबूल करने के बाद अब मिर्चपुर के दलित परिवार भी धर्म परिवर्तन की राह पर हैं। हालांकि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद वाले भगाणा के दलितों की घर वापसी की कोशिशें कर रहे हैं।
भीषण गर्मी के बाद मानसून ने कराया इंतजार

भीषण गर्मी के बाद मानसून ने कराया इंतजार

मौसम विभाग के अनुमानों पर पानी फेरता हुए मानसून पिछले हफ्ते भर से श्रीलंका के आसपास ठहरा हुआ है। मौसम विभाग ने अब 4 जून तक मानसून के केरल तट पर पहुंचने की उम्‍मीद जताई है।
राहुल की मुट्टी खुलने का इंतजार

राहुल की मुट्टी खुलने का इंतजार

हम गांव की चिंता में भटकते राहुल की चल और अचल तस्वीरें देखते हैं लेकिन अभी जानते कि गांवों को खुशहाल बनाने की उनकी नीतियां क्या हैं और वह इसके लिए कौन-कौन से कदम उठाने वाले हैं। हम गरीबों से राहुल के मेलजोल की कोशिशों के बाबत पढ़ते हैं और भरोसा करने को तैयार हैं कि वह उनकी हालत बिना किसी बिचौलिए के जानने चाहते हैं जिस देश में गरीबों के लिए बनी योजनाओं का लाभ अक्सर फर्जी गरीब उठा लेते हैं वहां अब हम जानना चाहते हैं कि राहुल सही गरीबों की शिनाख्त का कौन सा बेहतर तरीका अपनाएंगे। हम जानते हैं क अपने पिता राजीव गांधी की तरह राहुल गांधी भी चिंतित हैं कि गरीबों के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रत्येक रुपये में सिर्फ 15 पैसे उन तक पहुंचते हैं लेकिन हमारी अब यह जानने की भी अपेक्षा है कि विचौलियों द्वारा चट हो रहे बाकी के 85 पैसे राहुल गरीबों तक कैसे पहुंचाएंगे। हम जानते हैं कि राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना को राहुल गांधी अपनी यूपीए सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं और उसे पूरे देश में फैलाना चाहते हैं, शहरों मे भी, लेकिन हम यह भी जानना चाहते हैं कि वह इस योजना में व्यापक धांधली कैसे रोकेंगे, कैसे सुनिश्चित करेंगे कि सही लोगों को जॉब कार्ड मिले, काम पर आए मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी मिल पाए और इस योजना के जरिये गांवों में पक्के आधारभूत ढांचे भी बन पाएं।
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