अफगानिस्तान में नए सिरे से अल-कायदा के शिविर पनपने की आशंका पर चिंताएं बढ़ने लगी हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, ऐसा लगता है कि अफगानिस्तान में एक पुराना दुश्मन फिर से सिर उठा रहा है।
दुनिया को जलवायु परिवर्तन के खतरे से बचाने के लिए विश्व के 196 देशों के बीच पेरिस में ऐतिहासिक हो गया है। लंबी खींचतान और विचार-विमर्श के बाद भारत, चीन, अमेरिका समेत छोटे-बड़े तमाम देश इस समझौते पर राजी हुए। इसमें धरती के तापमान में बढ़ोतरी को 2 डिग्री सेल्सियस से काफी नीचे रखने का लक्ष्य रखा गया है।
जलवायु परिवर्तन पर एेतिहासिक समझौते की समय सीमा से दो दिन पहले वार्ताकारों ने एक नया और छोटा मसौदा जारी किया है जिसमें सभी महत्वपूर्ण प्रगतियों और मतभेदों को शामिल किया गया है। हालांकि यह मसौदा भी जटिल मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने में नाकाम रहा है।
भारतीय शिक्षकों ने एक अहम वैश्चिक मंच पर अपना सिक्का जमाया। टॉप 50 ग्लोबल शिक्षकों की सूची में भारत के चार शिक्षक जगह पाने में कामयाब रहे हैं। भारत से ज्यादा सिर्फ अमेरिका के 8 शिक्षक इस सूची में हैं।
भारत कालाधन विदेश में जमा करने के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर है और 2004 से 2013 के बीच देश से हर साल करीब 51 अरब डालर का कालाधन बाहर ले जाया गया। यह खुलासा अमेरिका की एक विचार संस्था ने किया है। गौरतलब है कि भारत का रक्षा बजट 50 अरब डालर से कम है।
कैलिफोर्निया में की गई गोलीबारी की संदिग्ध पाकिस्तानी महिला ने अपने पति के साथ अमेरिका आने से एक साल पहले, वर्ष 2013 में एक बार शायद भारत की यात्रा की थी।
पेरिस में चल रहे जलवायु सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 तक भारत के कार्बन उत्सर्जन स्तर में 2005 के मुकाबले 33-35 फीसदी कटौती का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने में किसी तरह की एकतरफा कारवाई से दुनिया आगाह करते हुए विकसित देशों को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाई है।
जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में हिस्सा लेने पेरिस गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात की। इस मुलाकात से पहले भारतीय पवेलियन का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने एक बड़ी वैश्विक चुनौती बताते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लिए व्यापक, न्यायसंगत और दीर्घकालिक समझौते पर सहमति के लिए दुनिया को इसे अत्यावश्यक मानते हुए काम करना होगा।
बीफ खाने के मुद्दे ने इन दिनों देश को आंदोलित कर रखा है जहां लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। धार्मिक रूप से बीफ सेवन वर्जित होना इस मुद्दे का एक आयाम हो सकता है लेकिन बीफ सेवन के खिलाफ एक और बेहद मजबूत पहलू यह है कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी नहीं है।
अमेरिकी मीडिया में आई इस खबर पर चुटकी लेते हुए कि अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्चे के तौर पर भारत ने चीन की जगह ले ली है, सरकारी चाइना डेली ने एक आलेख में कहा है कि भारत उस मुकाम तक भी नहीं पहुंच पाया है, जहां चीन पांच साल पहले था।