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उत्तराखंड: अयोग्य विधायकों को अंतरिम राहत देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

उत्तराखंड: अयोग्य विधायकों को अंतरिम राहत देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उत्तराखंड के अयोग्य ठहराए गए नौ विधायकों को अंतरिम राहत देने से मना कर दिया। इन विधायकों ने याचिका में अपनी अयोग्यता पर रोक लगाने और विधानसभा के सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति मांगी है।
‘अरुणाचल, उत्तराखंड कांग्रेस का आंतरिक संकट, भाजपा को दोष न दें’

‘अरुणाचल, उत्तराखंड कांग्रेस का आंतरिक संकट, भाजपा को दोष न दें’

उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश समेत कुछ गैर राजग शासित राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने एवं गिराने का प्रयास करने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है बल्कि कांग्रेस पार्टी के आंतरिक संकट के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो रही है जहां वह पार्टी खुद ही टूट रही है।
भाजपा को करारा झटका, अरुणाचल में कांग्रेस सरकार बहाल

भाजपा को करारा झटका, अरुणाचल में कांग्रेस सरकार बहाल

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को करारा झटका देते हुए अरुणाचल प्रदेश में 15 दिसंबर 2015 से पहले वाली स्थिति बहाल करने का निर्देश दिया है‌ जिसका अर्थ है कि वहां एक बार फिर से कांग्रेस की सरकार बहाल हो जाएगी। इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय की पांच जजों की पीठ ने नबाम टुकी की कांग्रेस सरकार को सत्ता से हटाने के राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए उसे पलट दिया है।
अरूणाचल पर न्यायालय के फैसले का नबाम तुकी ने किया स्वागत

अरूणाचल पर न्यायालय के फैसले का नबाम तुकी ने किया स्वागत

अरूणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने आज उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया, जिससे राज्य में कांग्रेस सरकार की वापसी का रास्ता साफ हो गया है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी में मोदी सरकार! विधि आयोग से मांगी राय

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी में मोदी सरकार! विधि आयोग से मांगी राय

यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) पर एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विधि आयोग से इस मुद्दे का अध्ययन करने को कहा है। सरकार के इस पहल को समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है जिससे देश का राजनीतिक तापमान बढ़ने की आशंका है।
कई हस्तियों ने सुप्रीम कोर्ट से धारा 377 को रद्द करने की मांग की

कई हस्तियों ने सुप्रीम कोर्ट से धारा 377 को रद्द करने की मांग की

समलैंगिक (एलजीबीटी) समुदाय का हिस्सा होने का दावा करने वाली कुछ मशहूर हस्तियों ने उच्चतम न्यायालय का रूख कर आईपीसी की धारा 377 को रद्द करने की गुहार लगाई है। आईपीसी की धारा 377 के तहत देश में समलैंगिकता एक दंडनीय अपराध है। इस अर्जी पर कल सुनवाई होने की संभावना है।
अभी नहीं आए हैं अच्छे दिन: पूर्व न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े

अभी नहीं आए हैं अच्छे दिन: पूर्व न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एन. संतोष हेगड़े का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी प्रयास किए हैं, लेकिन अच्छे दिन अभी नहीं आए हैं। न्यायमूर्ति को लगता है कि भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार को जनता को बताना चाहिए कि वे काला धन वापस लाने का चुनावी वादा पूरा करने में क्यों असमर्थ हैं।
शीर्ष अदालत बोली, मांं-बाप के हमलावरों पर बच्‍चों का बल प्रयोग हो सकता है कानूनी

शीर्ष अदालत बोली, मांं-बाप के हमलावरों पर बच्‍चों का बल प्रयोग हो सकता है कानूनी

उच्चतम न्यायालय ने माता-पिता को पीटने वाले पड़ोसियों पर हमला करने के आरोपी दो भाइयों को बरी करते हुए कहा कि अगर बच्चे अपने माता-पिता पर हमला होते हुए देखते हैं तो बल का प्रयोग कानूनी हो सकता है।
न्‍याय की पराकाष्‍ठा, आखिरकार 92 साल के व्यक्ति को जाना पड़ेगा जेल

न्‍याय की पराकाष्‍ठा, आखिरकार 92 साल के व्यक्ति को जाना पड़ेगा जेल

झूठी शान की खातिर 1980 में हुई हत्या के एक मामले में दोषी करार दिए गए बिस्तर पर पड़े 92 वर्षीय एक व्यक्ति को आखिरकार जेल जाना पड़ेगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा काटने के लिए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने से उसे कोई भी छूट प्रदान करने से मना कर दिया।
जयललिता, सलमान मामलों से न्यायपालिका की छवि खराब हुई: हेगड़े

जयललिता, सलमान मामलों से न्यायपालिका की छवि खराब हुई: हेगड़े

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एन. संतोष हेगड़े ने कहा है कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता और बॉलीवुड सुपर स्टार सलमान खान से जुड़े घटनाक्रमों से न्यायपालिका की छवि खराब हुई जिनमें अदालतों ने उन्हें जमानत दे दी और उनके मामलों की बिना बारी के सुनवाई की। भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल ने यहां कहा कि इन दो न्यायिक फैसलों से गलत संदेश गया कि धनी और प्रभावशाली तुरंत जमानत हासिल कर सकते हैं।
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