हरिद्वार में आज अर्द्ध कुंभ का समापन और उज्जैन में सिंहस्थ-कुंभ की शाही शुरुआत हो रही है। भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े उत्सव, जिसमें लाखों नहीं करोड़ों लोग पहुंचते हैं।
मध्यप्रदेश के शहर उज्जैन में 22 अप्रैल से सिंहस्थ मेला शुरू हो रहा है। धार्मिक नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी बहती है जिसमें श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं। यह अलग बात है कि क्षिप्रा में पानी की कमी के चलते इसमें नर्मदा का जल मिलाया गया है।
मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 22 अप्रैल से शुरू होने वाले सिंहस्थ मेले में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरकार शहर में करीब 34,000 शौचालय बनाने की योजना पर काम कर रही है। इससे खुले में शौच की प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी।
मूलतः चित्रकार। अनेक चित्र-प्रदर्शनियों में कला-कृतियां चयनित, प्रदर्शित। प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां, कविताएं, रेखांकन, समीक्षाएं और कला-लेख प्रकाशित। एक कहानी-संग्रह के अलावा ‘जन-वाचन’ आंदोलन के लिए लिखी कुछ पुस्तकें प्रकाशित। जनवादी लेखक संघ की पत्रिका ‘नया-पथ’ के चित्रकला-विषेषांक के अलावा भारत ज्ञान विज्ञान समिति के लिए ‘ज्ञान विज्ञान वार्ता’ के कुछ अंकों और एक बाल पुस्तक माला का संपादन। बच्चों की किताबों के लिए रचनात्मक रेखांकन। कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों और पुस्तिकाओं के अनुवाद प्रकाशित। सांस्कृतिक और सामाजिक आंदोलनों से गहरा जुड़ाव। घुमक्कड़ी और फोटोग्राफी में गहरी दिलचस्पी।
बंसी कौल ने कला जगत में कई बिरवे रौंपे। ये रौंपे अब वृक्ष बन कर लहलहा रहे हैं। अभिनय की नाल से निकले हजारों खिले हुए कमलों ने उनका नाम रोशन कर दिए। उन्हीं बंसी कौल के रंगकर्म पर हुआ अनूठा कार्यक्रम।
यदि फिल्मों का खुमार है तो रंगमंच की दीवानगी भी कुछ कम नहीं है। कुछ तो खास है मंच के इन किरदारों में कि दर्शक बेसब्री से चले आते हैं और इंतजार करते हैं, यवनिका के उठने का।
अंतरराष्ट्रीय मूर्ख दिवस के मौके पर उज्जैन के कालिदास अकादमी के मुक्ताकाशी रंगमंच पर 45 वें अखिल भारतीय टेपा सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ। इसमें टीवी के जाने-माने हास्य अभिनेता अली असगर ने शिरकत की। इन्होंने दादी की वेशभूषा में मंच से दर्शकों को खूब हंसाया।