उत्तरप्रदेश जहां देश के सबसे बड़े सूबे की राजनीतिक तस्वीर बदलकर रख देने वाले चुनाव के लिए तैयार है, वहीं चार अन्य राज्यों में भी फरवरी-मार्च में लगभग एकसाथ चुनाव होने की संभावना है। अगले साल एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किए जाने के कुछ ही समय बाद ये चुनाव शुरू हो सकते हैं।
पार्टी में मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदारों के बीच उत्तराखंड में भाजपा किसी चेहरे को पेश किए बिना विधानसभा चुनाव में उतर सकती है। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने देहरादून में संवाददाताओं से बातचीत में इस बाबत संकेत देते हुए कहा, हमने इस विषय में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है और हम नहीं समझते कि यह जरूरी है।