जाने-माने बैंकर के. वी. कामथ को आज ब्रिक्स देशों के समूह द्वारा गठित 50 अरब डॉलर के न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) का प्रमुख चुना गया है। ब्रिक्स समूह ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसी पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समूह है।
बीमा नियामक इरडा अभी वैश्विक पुनर्बीमा कंपनियों को देश में प्रवेश की मंजूरी देने के मानदंडों को अंतिम स्वरूप देने की प्रक्रिया में ही है लेकिन अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने अभी से अपने शीर्ष दलों को नियुक्त करना शुरू कर दिया है।
यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे राजेंद्र के पचौरी ने जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आइपीसीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पैनल की नैरोबी में चल रही बैठक में पचौरी ने हिस्सा नहीं लिया। आइपीसीसी के मंगलवार से शुरू हुए तीन दिन के 41वें सत्र में पचौरी के इस्तीफा देने के फैसले का ऐलान किया गया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष ई वी के एस इलनगोवन के बीच कई हफ्तों से जारी मतभेदों के बीच चिदंबरम ने अपने छह समर्थकों के निष्कासन को लेकर एआईसीसी से हस्तक्षेप करने की मांग कर शनिवार को प्रदेश प्रमुख को सीधी चुनौती दी है।
ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान के प्रमुख आर के पचौरी पर उनके दफ्तक में काम करने वाली महिला सहयोगी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिला की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने पचौरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
पूर्व क्रिकेटर शिवलाल यादव को श्रीनिवासन का समर्थन प्राप्त है और अगर चुनाव नहीं होते हैं तो पूर्वी क्षेत्र की इकाइयां भी उन्हें अध्यक्ष बनाने पर हामी भर सकती हैं।
चुनिंदा नायकों या खलनायकों की भूमिका पर जरूरत से ज्यादा जोर देने के कारण इतिहास का सम्यक विवेचन नहीं हो पाता। जैसे गांधी, नेहरू, पटेल, जिन्ना और माउंटबेटन पर ज्यादा जोर देने से हमें भारत विभाजन के बारे में कई जरूरी प्रश्नों के उत्तर नहीं मिलते। मसलन, देसी मुहावरे में आम जनता को अपनी बात समझाने में माहिर और उनमें आजादी के लिए माद्दा जगाने वाले गांधी अपने तमाम सद्प्रयासों के बावजूद नाजुक ऐतिहासिक मौके पर आम हिंदू-मुसलमान को एक-दूसरे के प्रति सांप्रदायिक दरार से बचने की बात समझाने में क्यों विफल रहे, नोआखली जैसी अपनी साक्षात उपस्थिति वाली जगह को छोडक़र? जिन्ना की महत्वकांक्षा और जिद को कितना भी दोष दें, कलकत्ता और अन्य जगहों का आम मुसलमान क्यों उनके उकसावे पर पाकिस्तान हासिल करने के लिए खून-खराबे पर उतारू हो गया?