अमेरिका ने कई गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए आज मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। अमेरिका का मानना है कि बदलाव लाने के लिए शांतिपूर्ण प्रयास करने वाले सरकार विरोधी नहीं हैं और न ही वे राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
केंद्र सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के बीच खाई बढ़ती जा रही है। हाल ही में सरकार ने विदेशी चंदा हासिल कर रहे गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर कड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 9,000 एनजीओ के लाइसेंस रद्द कर दिए।
विदेशी चंदा हासिल कर रहे गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सरकार ने लगभग 9000 एनजीओ के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। सरकार ने यह कार्रवाई विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन करने के संबंध में की है।
गुजरात दंगों में पीडितों की आवाज उठाने वाली ऐक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड को परेशान करने की प्रक्रिया जारी है। अब एक और मामले में तीस्ता को घेरने की कोशिश की जा रही है। गुजरात की भारतीय जनता पार्टी सरकार तीस्ता की धुर विरोधी रही है। तीस्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी कट्टर आलोचक रही हैं। यही वजह है कि उन्हें एक के बाद दूसरे मामले में फंसाया जा रहा है।
गृह मंत्रालय को उस समय झटका लगा जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस पर विदेशी फंड पर लगी रोक को हटा दिया। अदालत ने विदेशी चंदे को प्राप्त करने पर लगाई गई रोक को असंवैधानिक, एकपक्षीय और गैरकानूनी कदम माना। इस फैसले को गैर सरकारी संगठनों ने लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी की जीत बताया।