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चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

चर्चाः रंग और रोशनी से राजनीति | आलोक मेहता

रंगों का त्योहार होली हो या रोशनी का उत्सव दीवाली- समाज के हर वर्ग को साथ मिलकर खुशियां बांटने की प्रेरणा देता है। यूं देश के शीर्ष नेता औपचारिक शुभकामना संदेश देते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में राजनीति में सक्रिय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जिस तरह की जहरभरी पिचकारियां चलती हैं, वह समाज और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बनती जा रही हैं।
राज ठाकरे का उपद्रव फिर शुरू, कार्यकर्ता जलाएं नए ऑटोरिक्‍शा

राज ठाकरे का उपद्रव फिर शुरू, कार्यकर्ता जलाएं नए ऑटोरिक्‍शा

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार फिर मुंबई में उपद्रव करने का इरादा जताया है। अपने मराठी एजेंडे पर आगे बढ़ने की मंशा से उन्होंने मनसे कार्यकर्ताओं से सड़कों पर उतरने और ऑटोरिक्‍शा जलाने का आह‍्वान किया है।
नेता नहीं एक छात्र हूं मैं, राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं: कन्हैया

नेता नहीं एक छात्र हूं मैं, राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं: कन्हैया

अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर लगाई जा रही अटकलों का जवाब देते हुए जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने आज साफ कर दिया कि मुख्यधारा की राजनीति में जाने या चुनाव लड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है।
गठबंधन के खिलाफ उबले भाजपा-अगप कार्यकर्ता

गठबंधन के खिलाफ उबले भाजपा-अगप कार्यकर्ता

आगामी असम विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर अपनी-अपनी पार्टियों से नाराज भाजपा और असम गण परिषद (एजीपी) के स्थानीय नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के एक बड़े हिस्से ने आज ब्रमपुत्र घाटी में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का पुतला फूंका। साथ ही, उन्होंने आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार उतारने की धमकी दी। विभिन्न जिलों में कार्यालय के फर्नीचर तोड़ कर प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाला और अपने पार्टी नेताओं के पुतले फूंके।
नक्सलियों पर एक सप्ताह में 16 ग्रामीणों की हत्या का आरोप

नक्सलियों पर एक सप्ताह में 16 ग्रामीणों की हत्या का आरोप

बस्तर के अबूझमाड़ में 16 ग्रामीणों की कथित हत्या की खबरों से एक बार फिर देश और दुनिया के मीडिया की निगाहें बस्तर के नक्सलवाद पर टिक गई हैं। दरअसल इस खबर के जन्मदाता बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली बौखला गए हैं और निर्दोष ग्रामीणो को मार रहे हैं।
दल से पहले देश की चिंता

दल से पहले देश की चिंता

जेएनयू में वामपंथ का गहरा प्रभाव रहा है। यहां वैकल्पिक विचारधारा को वैधानिक, नैतिक स्थान नहीं दिया गया। इस विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन के सभी अवशेष-माओवाद से लेकर ट्राटस्कीवाद तक मिल जाएंगे।
अफ्सपा हटाने को लेकर शर्मिला का अनशन फिर शुरू

अफ्सपा हटाने को लेकर शर्मिला का अनशन फिर शुरू

मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला चानू ने राज्य में लागू विवादित सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) को हटाने की मांग को लेकर आज यहां की ऐतिहासिक शहीद मीनार परिसर में अपना अनिश्चितकालीन अनशन फिर से शुरू कर दिया। गौरतलब है कि इरोम शर्मिला 15 साल से अनशन पर हैं और अदालत ने उन्हें कल ही आत्महत्या के प्रयास के आरोप से बरी किया है।
छत्‍तीसगढ़: सोनी सोरी पर एसिड जैसा हमला

छत्‍तीसगढ़: सोनी सोरी पर एसिड जैसा हमला

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में आम आदमी पार्टी की नेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता सोनी सोरी पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया है। सोरी को बेहतर ईलाज के लिए जगदलपुर भेजा गया है।
जेएनयू एबीवीपी में फूट, 3 पदाधिकारियों का इस्‍तीफा

जेएनयू एबीवीपी में फूट, 3 पदाधिकारियों का इस्‍तीफा

जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय (जेएनयू) में कथि‍त देशविरोधी नारेबाजी के मामले में एक नया मोड़ आया है। जेएनयू के खिलाफ चल रही मुहिम को लेकर आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के भीतर भी विरोध के स्‍वर उठने लगे हैं। जेएनयू की एबीवीपी इकाई के तीन पदाधिकारियों ने राष्‍ट्रवाद के नाम पर गुंडागर्दी, कन्‍हैया कुमार पर हमले और विश्‍वविद्यालय की छवि खराब करने का विरोध करते हुए संगठन से इस्‍तीफा दे दिया है।